सपा ने लोकल नहीं, भानुप्रताप सिंह को मेरठ हापुड़ लोस सीट से उतारा
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सपा ने लोकल नहीं, भानुप्रताप सिंह को मेरठ हापुड़ लोस सीट से उतारा

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  • शनिवार को तीन बजे चुनाव आयोग करेगा घोषणा
  • सपा ने भानु प्रताप को उतार सभी को चौंकाया
  • शाहिद,रफीक,अतुल व योगेश की खींचतान में भानु ने  बाजी मारी
  • सभी दलों के हिंदु प्रत्याशी होने से भाजपा का समीकरण बिगड़ेगा
  • AIMIM उतार सकती है मुस्लिम चेहरा
  • बसपा 17 को घोषित करेगी अपने प्रत्याशियों के नाम 
  • दलित कार्ड- भानु ने बसपा व भाजपा का खेल बिगड़ा
चुनाव आयोग शनिवार को तीन बजे लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा करने जा रहा है। इस बीच, कांटे की टक्कर वाली मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय जनहित संघर्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतार कर सभी को चौंका दिया है। भानु प्रताप सिंह पिछले काफी समय से ईवीएम को संदेह के दायरे में रखते हुए तमाम सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका साफ कहना है कि ईवीएम को मैनेज किया जा सकता है लिहाजा इस बार लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर के जरिये ही होने चाहिये।
उधर, भाजपा ने अभी इस सीट पर अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। अभी भी इस बात का संशय है कि भाजपा अपने तीन बार के सांसद राजेद्र अग्रवाल पर एक बार फिर से दांव लगायेगी अथवा किसी अन्य चेहरे को चुनाव मैदान में उतारने जा रही है। बहुजन समाज पार्टी ने अभी देवव्रत त्यागी के नाम की औपचारिक घोषणा नहीं की है लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें पार्टी नेतृत्व द्वारा तैयारी करने की बात कह दी गई है। अब रही ओवैसी की पार्टी।
अभी तक माना जा रहा था कि इस सीट पर समाजवादी पार्टी किसी मुस्लिम को चुनाव मैदान में उतार सकती है और औवेसी तो उतारेंगे ही लेकिन सपा ने भानु प्रताप पर मोहर लगाकर भाजपा की परेशानी और  बढ़ा दी है। लंबे समय से पश्चिम उत्तर प्रदेश का चुनाव हिंदू मुस्लिम राजनीति पर केंद्रित रहा है, यदि एक बार फिर से यह हालात बनते हैं तो ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी के  लिये ये शुभ संकेत हो सकते हैं।
भारतीय राजनीति के केंद्र में 2014 से स्थापित भाजपा ने पहली  सूची में 195 उम्मीदवारों के नाम घोषित किये थे। इसके बाद दूसरी सूची में 72 लोगों के नामों की घोषणा की गई। इन दोनों ही लिस्ट में मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट का नामों निशान नहीं था। दोनों ही सूची में भाजपा प्रत्याशी का नाम घोषित न होने का अर्थ सभी लोगों ने अपने मन मुताबिक निकाला। किसी ने कहा कि राजेंद्र अग्रवाल का  टिकट कटेगा इसलिये ही अभी तक इस सीट पर किसी का नाम तय नहीं किया गया है तो तभी यह आवाज भी आयी कि राजेंद्र अग्रवाल को ही इस बार भी टिकट मिलेगा इसलिये ही इस सीट को अंतिम समय के लिये बचा कर  रखा गया है।
दरअसल,माना जा रहा था कि मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान और  मेरठ हापुड़ से राजेद्र अग्रवाल का टिकट इस बार कट जायेगा लेकिन पार्टी नेतृत्व ने संजीव बालियान पर तो मोहर लगा दी लेकिन राजेंद्र अभी प्रतीक्षा में हैं।
   आज भाजपा से टिकट पर मजबूत दावेदारी करते हुए पंजाबी समाज भी मैदान में कूद गया है। संयुक्त पंजाबी संघ ने शिक्षाविद व जाने माने उद्योगपति राजेश दीवान को टिकट देने की भाजपा नेतृत्व से मांग की। संघ ने यहां तक कह दिया कि यदि राजेश दीवान को टिकट नहीं मिला तो लंबे समय से भाजपा से जुड़ा हुआ पंजाबी समुदाय कुछ और सोचने पर विवश होगा।
इस बीच, समाजवादी पार्टी ने आज सात प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। इनमें मेरठ हापुड़  लोकसभा सीट से भानु प्रताप सिंह को मैदान में उतारा गया है। भानु प्रताप का नाम मेरठ की राजनीति के लिये  भले ही चौकाने वाला हो लेकिन सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह ईवीएम से चुनाव कराने की खिलाफत करते हुए इन दिनों खासे चर्चा में हैं। मूल रूप से वह बुलंदशहर के रहने वाले हैं।
भानु प्रताप को इन दिनों सपा में चल रही भारी खींचतान का फायदा मिल गया है। मेरठ से शाहिद मंजूर, रफीक अंसारी, अतुल  प्रधान व योगेश वर्मा के बीच चली आ रही खींचतान का फायदा भानु प्रताप ले गये। वह दलित समुदाय से आते हैं।
@samajwadiparty

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