सज़ा के बाद संसद पहुंचे राहुल गांधी फिर हंगामा, कार्रवाई स्थगित
‘मोदी सरनेम’ पर राहुल गांधी की कथित टिप्पणी मामले में गुजरात की सूरत जिला अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल की सज़ा सुनाई थी। गुरूवार को सज़ा सुनाये जाने के बाद राहुल गांधी आज संसद पहुंचे। हांलाकि विरोध के बीच लोकसभा दोपहर तक के लिये स्थगित कर दी गई जिसके बाद वह वापस लौट गये। दो साल जेल की सज़ा के बाद उनके उपर लोकसभा की सदस्यता रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है।
राहुल गांधी केरल के वायनड से सांसद हैं। उनको गुजरात की सूरत जिला अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ पर कथित टिप्पणी मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सज़ा सुना दी है। जबकि फैसले के खिलाफ अपील करने के लिये अदालत ने उन्हे 30 दिन की ज़मानत दे दी है।
संसद के दोनो सदनों में आज भी हंगामा देखने को मिला। जिसके चलते एक मर्तबा फिर से कार्रवाई दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई थी। लेकिन जैसे ही 12 बजे के बाद कार्रवाई दोबारा शुरू की गई तो हंगामा फिर से शुरू हो गया। कारणवश राज्यसभा की कार्रवाई को दोपहर ढाई बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया है।दरअसल, जनप्रतिनिधित्व अधिनियमए 1951 की धारा 8[3] के अनुसार यदि किसी सासंद को किसी अपराध में दोषी करार देने के बाद कम से कम दो साल की सज़ा सुनाई जाये तो वह संसद के योग्य नहीं रहता। राहुन गांधी तो अपनी दो साल की सज़ा के कारण अयोग्य हो ही गये हैं। जबकि कुछ विशेषज्ञो का कहना है कि अगर राहुल गांधी अपनी सज़ा पलटने में कामयाब हो जाते हैं तो वह निलंबित होने से बच सकते हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने राहुल गांधी की सज़ा को लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि यह महज़ कानूनी मुद्दा नही है। यह एक गंभीर और एक एैसा राजनैतिक मुद्दा है जो हमारे लोकतांत्रिक भविष्य से जुड़ा है। यह मोदी सरकार की बदले की भावना, डराने धमकाने की रातनीति बड़ा उदाहरण है। इसके लिये वह तमाम विपक्षी दलों के साथ मिलकर मुद्दा उठायेंगे। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का रूख करेंगे।