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चीन बार्डर पर भारत जुटा रहा फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और ड्रोन , अगले 48 घंटों में बड़े सैन्य अभ्यास की तैयारी
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चीन बार्डर पर भारत जुटा रहा फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और ड्रोन , अगले 48 घंटों में बड़े सैन्य अभ्यास की तैयारी

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  • चीन बार्डर पर भारत जुटा रहा फाइटर जेट
  • भारतीय वायुसेना अगले 48 घंटे में बड़ा सैन्याभ्यास करने की तैयारी में
  • 15 और 16 दिसंबर को चीन सीमा से सटे चार एयरबेस पर युद्धाभ्यास

भारतीय वायुसेना अगले 48 घंटे में बड़ा सैन्याभ्यास करने की तैयारी में है। ये सैन्याभ्यास चीन सीमा के नजदीक होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार 15 और 16 दिसंबर को चीन सीमा से सटे चार एयरबेस पर ये युद्धाभ्यास किया जाएगा। बता दें इस अभ्यास का तवांग सेक्टर में हुई झड़प से कोई लेना-देना नहीं है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन के सैनिकों के साथ झड़प हुई थी जिसके बाद अब थल सेना से लेकर वायुसेना तक अलर्ट पर है। भारतीय वायुसेना सैन्याभ्यास अगले 48 घंटों में करने जा रही है। ये अभ्यास चीनी सीमा से सटे चार एयरबेस पर होने जा रहा है। इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के हेलीकॉप्टर , लड़ाकू विमान और ड्रोन शामिल होंगे। युद्धाभ्यास वायुसेना की पूर्वी कमांड करेगी।

रिपोर्ट्स के अनुसार , 15 और 16 दिसंबर को चीनी सीमा के पास ये युद्धाभ्यास होगा। वायुसेना का ये युद्धाभ्यास तेजपुर, चाबुआ, जोरहट और हाशिमारा इन चार एयरबेस पर होगा। बता दें अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांगत्से के पास 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प हुई थी। लेकिन इस युद्धाभ्यास का तवांग में हुई झड़प से कोई लेना देना नही है। बावजूद इसके भारतीय वायुसेना के इस युद्धाभ्यास को तवांग में हुई झड़प से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, वायुसेना का कहना है कि ये रूटीन एक्सरसाइज है। और इसकी तारीख पहले से ही तय थी इसका झड़प से कोई लेना-देना नहीं है।

इस युद्धाभ्यास का मकसद महज़ इतना है की पूर्वी सेक्टर में अपने ऑपरेशन और क्षमताओं का परीक्षण कर सके। बता दें पूर्वोत्तर से सटे चीन, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं की निगरानी पूर्वी कमांड ही करती है।भारतीय सेना ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए बताया था कि 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांगत्से के पास भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई थी। जिसमे दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोट आई थीं।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगलवार को लोकसभा में बताया कि भारतीय सेना ने बहुत ही बहादुरी से पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका है। बहादुरी दिखाते हुए उन्हें उनकी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर किया। इस दौरान ये भी बताया कि इस झड़प में भारतीय सेना का न तो कोई जवान शहीद हुआ है और न ही किसी को गंभीर चोट आई है।

इससे पहले 15-16 जून 2020 को लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, चीन ने 6 महीने बाद इस झड़प में 4 जवानों के मारे जाने की बात कुबूल की थी।

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