देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के आक्रमण से कोहराम मचा है. रोज करीब सैकड़ों मरीजों की मौत हो रही है. कोरोना को काबू में करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन रोज हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं. लॉकडाउन से लॉक हटते ही कोरोना के खत्म होने के गुमान ने दिल्ली को एक बार फिर से गम के दरिया में धकेल दिया है.
यहां रोज करीब 100 मरीजों की होती मौत से दिल्ली सिसक रही है. कोराना का कहर ऐसा है कि अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं. कहीं मौत से जूझते मरीज को बेड नसीब नहीं हो रहा है कही बिना इलाज के ही दम निकल रहा है. अब तक कोरोना से 8, 391 मरीजों की मौत हो गई है.
पिछले 6 दिन के आंकड़ों पर जरा नजर डालिए तो पता चलेगा कि कोरोना के प्रहार से कराहती दिल्ली का हाल क्या है.
- 22 नवंबर को 121 मौतें
- 21 नवंबर को 111 मौतें
- 20 नवंबर को 118 मौतें
- 19 नवंबर को 98 मौतें
- 18 नवंबर को 131 मौतें
- 17 नवंबर को 99 मौतें
सरकार जागी तब तक देर हो चुकी थी. हालात बेकाबू हो चुके थे. अफरा-तफरी के माहौल में दिल्ली सरकार ने केंद्र से मदद मांगी. केंद्र ने 700 आईसीयू बेड देने का वादा किया. दिल्ली सरकार ने ताबड़तोड़ कई फरमान जारी कर दिए. अब निजी अस्पतालों के 80 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित हैं. एमबीबीएस और बीडीएस के सीनियर छात्रों को भी ड्यूटी में लगा दिया गया है.