सिंगापुर और यूएई में दौड़ रहा रुपे कार्ड आखिर क्यों श्रीलंका में अटक गया
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सिंगापुर और यूएई में दौड़ रहा रुपे कार्ड आखिर क्यों श्रीलंका में अटक गया

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भारत अपने रुपे कार्ड और यूपीआई सेवाओं  को पूरी दुनिया में पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है. फिलहाल रुपे कार्ड सर्विस नेपाल, भूटान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात में शुरू हो चुकी हैं. मगर, श्रीलंका में इस सेवा को शुरू करने में एक पेंच फंस गया है. भारत चाहता है कि देसी टूरिस्ट इन पड़ोसी देशों में बिना किसी दिक्कत के आसानी से भुगतान कर सकें. मगर, भारतीय और श्रीलंका के बैंक ट्रांजेक्शन पर फीस पेमेंट को लेकर आपसी सहमति नहीं बना पाए हैं. इसके चलते श्रीलंका में रुपे कार्ड सेवा अटक गई है । भारत सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के सभी प्रयास कर रही है. उसकी कोशिश है कि रुपे कार्ड को भारत आने वाले श्रीलंका के लोग भी इस्तेमाल कर सकें. भारत अपने पड़ोसी देश श्रीलंका में यूपीआई सेवा पहले ही शुरू कर चुका है. इसके चलते भारतीय टूरिस्ट आसानी से श्रीलंका में भी यूपीआई ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. सरकारी अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल एनआईपीएल की तरफ से श्रीलंका के लिए रुपे टेक्नोलॉजी प्रयोग में नहीं है. मगर, दोनों ओर के सेंट्रल बैंक इस दिशा में वार्ता कर रहे हैं ताकि रुपे कार्ड की मदद से श्रीलंका में भी शॉपिंग और एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा मिल जाए । हालांकि, श्रीलंका के साथ बैंक ट्रांजेक्शन चार्ज पर एक राय नहीं बनने के चलते मामला अटक गया है. इसका समाधान जल्द ही निकाल लिया जाएगा. भूटान और मॉरीशस के बाद जल्द ही श्रीलंका तीसरा ऐसा देश बन जाएगा, जहां यूपीआई और रुपे ट्रांजेक्शन की अनुमति होगी. फिलहाल इस मसले पर वित्त विभाग, एनपीसीआई और श्रीलंका ने कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया है । रुपे कार्ड को फाइनेंशियल सर्विसेज और पेमेंट्स नेटवर्क के तहत लॉन्च किया गया था. यह भारत की ओर से इंटरनेशनल कार्ड पेमेंट्स प्रोवाइडर्स का विकल्प है. इसका मकसद देश में नकदी के इस्तेमाल को घटाना भी है. रुपे वेबसाइट के अनुसार, लगभग 1100 पब्लिक, प्राइवेट और कोआपरेटिव बैंक इस कार्ड को जारी करते हैं. एसबीआई और पीएनबी जैसे बड़े बैंक इसके प्रमोटर हैं. अब तक लगभग 75 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए जा चुके हैं ।।

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