देश की सत्ता पर पुन: काबिज होने के लिये भाजपा ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। अमूमन भाजपा से दूरी बनाकर चलने वाले मुस्लिम वोटों को भी करीब लाने की कवायद तेज कर दी गई है। इस कवायद को ‘मोदी मित्र’ का नाम दिया गया है। मुस्लिम समाज में ये मोदी मित्र वो होंगे जिनका समाज में अपना स्थान है और वे बाकी मुस्लिमों का रूख भी भाजपा की तरफ कर सकें। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में पांच हजार से दस हजार ऐसे मोदी मित्रों की तलाश अब ईद के बाद शुरू कर दी जायेगी। अलग अलग राज्यों में करीब 65 ऐसी लोकसभा सीट हैं जहां से अभी तक मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के दिल्ली प्रदेश के प्रभारी आतिफ रशीद की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश में मुस्लिमों को भाजपा से जोड़ने के लिये जनसंपर्क अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत मुस्लिमों के घर घर जाकर मोदी सरकार की नीतियों, योजनाओं और कार्यों से समुदाय के लोगों को रूबरू कराया जायेगा। साथ ही मुस्लिमों को भाजपा के करीब लाने के लिये मोदी मित्र बनाने की योजना भी बनाई गई है। मोदी मित्र बनाने के लिये उन मुस्लिम लोगों को ज्यादा तवज्जो दी जायेगी जो अभी तक किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं। हर लोकसभा क्षेत्र में पांच से दस हजार ऐसे मोदी मित्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
दरअसल, भाजपा नेतृत्व ने विभिन्न राज्यों की करीब 65 ऐसे लोकसभा क्षेत्र चयनित किये हैं जहां मुस्लिम वोटर का खासा दबदबा है और वह सत्ता प्राप्ति की राह में खासे कामगार साबित होते हैं। मोदी मित्र की श्रेणी में इंजीनियर, सोशल वर्कर, प्रोफेसर या फिर जर्नलिस्ट कुछ भी आ सकता है। ये वो लोग होंगे जो किसी भी लिहाज़ से राजनीतिक एक्टिविस्ट तो नहीं होंगे लेकिन समाज पर प्रभाव डालने की ताकत जरूर रखते हैं। हर लोकसभा में मोदी मित्र बनाने के लिये सम्मेलन भी किये जायेंगे।
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