कच्ची कालोनी बनाने वाले दारा सिंह के आगे एमडीए व पुलिस नतमस्तक
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- दारा सिंह की कालोनी ध्वस्त करने पहुंची थी टीम
- कई बुलडोजर व भारी पुलिस बल रहा मौजूद
- दारा सिंह ने जमा किये समाज के लोग
- पूछा सवाल-जब बन रही थी कालोनी तब कहां थे
- भाजपा नेताओं की अवैध कालोनियों को बख्शा जा रहा ?
- भाजपा नेता लोकेश प्रजापति ने कराया गुप्त समझौता
- मीडिया से रखी गई दूरी, हमाम में सब हुए नंगे
प्रजापति समाज के तेवर देख कर आज मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम व भारी तादाद में पहुंची पुलिस को अपने कदम कच्ची कालोनी के बाहर ही रोक देने पड़े। एमडीए की टीम आज परीक्षितगढ़ रोड पर दारा सिंह प्रजापति द्वारा अवैध रूप से बनायी गयी कालोनी को पूरे ताम झाम के साथ ध्वस्त करने पहुची थी लेकिन बड़ी संख्या में मौजूद समाज के लोगों ने टीम को आगे बढ़ने नहीं दिया। समाज के लोगों ने खुले आरोप लगाये कि यह कालोनी तीन साल से बन रही है, इसे तब क्यों नहीं रोका गया, आज इसे ध्वस्त करने क्यों आ गये। भीड़ ने यह आरोप भी लगाया कि प्राधिकरण के भ्रष्ट अभियंता पहले पैसा लेकर कालोनी बनवाते हैं और फिर पैसा न देने पर उन्हें ध्वस्त करने आ जाते हैं। इतना ही नहीं प्राधिकरण क्षेत्र में अधिकांश कच्ची कालोनियां भाजपा नेताओं की हैं, जिन्हें छोड़ दिया गया है। दारा सिंह प्रजापति ने प्राधिकरण व पुलिस को खुली चुनौती दे डाली है।
दरअसल, हाल ही में दारा सिंह प्रजापति की शिवकुंज को तोड़ने गई प्राधिकरण की टीम को दारा सिंह प्रजापति व भाजपा नेता सतीश मावी ने डांट कर भगा दिया था। इस पर एमडीए ने दारा सिंह व सतीश मावी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। अगले ही रोज दारा सिंह ने प्रजापति समाज को लेकर दिल्ली जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। इससे पहले कमिश्नर होते हुए जुलूस निकाला गया था। रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने दारा सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। आज जब प्राधिकरण टीम को पहुंचना था तो उससे पहले ही दारा सिंह ने वहां समाज के लोगों का जमावड़ा लगा लिया था। इन लोगों को यही समझाया गया था कि जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के कारण ही यह ध्वस्तीकरण किया जा रहा है जबकि प्राधिकरण का कहना है कि जंतर मंतर पर प्रदर्शन से पहले ही अवैध निर्माण गिराने टीम पहुंची थी।
यहां कई घंटे तक विरोध प्रदर्शन का ड्रामा चलता रहा। समाज के लोग इस बात पर अड़े थे कि प्रजापति समाज की मांग को प्रमुखता से उठाने वाले दारा सिंह प्रजापति की कालोनी को ध्वस्त नहीं होने दिया जायेगा। कालोनी में आज एमडीए टीम के आने की सूचना पाकर सुबह से तिरंगा व भाजपा के झंडे लगा दिये गये थे।
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खासी जद्दोजहद के बाद भाजपा के राज्यमंत्री लोकेश प्रजापति ने दारा सिंह व प्राधिकरण अफसरों को एक बंद कमरे में बैठाकर वार्ता की। वार्ता में क्या बातचीत हुई , किस बात पर सहमति बनी इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। अलबत्ता बाहर आकर दारा सिंह प्रजापति ने कहा कि एमडीए को कालोनी से संबंधित सभी कागजात उपलब्ध करा दिये गये हैं। इनका अध्ययन कर कर प्राधिकरण जो भी निर्यय लेगा उसे स्वीकार कर लिया जायेगा
वहीं प्राधिकरण अफसर निकल कर गाड़ी में बैठ कर निकलने लगे। काफी कोशिश के बाद अभियंता से पूछा गया तो उन्होंने यही कहा कि फिलहाल कानून व्यवस्था को देखते ही ध्वस्तीकरण अभियान रोका गया है। जल्द ही वीसी से वार्ता कर आवश्यक निर्णय लिया जायेगा। उनसे पूछा गया कि क्या दारा सिंह की यह कालोनी अवैध है, तो उन्होंने केवल यही कहा..बताते हैं। यानी अब गुप्त समझौता वार्ता के बाद एसडीएम सदर ओजस्वी राज व एमडीए अफसर कालोनी वैधता संबंधी सवाल पर चुप्पी साधते नजर आये। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि दारा सिंह की कालोनी में कई मकान बन चुके हैं जबकि अधिकांश प्लाट भी बेचे जा चुके हैं।