Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u464953483/domains/firstbytetv.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने किया निकाय चुनाव का रास्ता साफ
बिना ओबीसी आरक्षण निकाय चुनाव होंगे, हाईकोर्ट खंडपीठ का फैसला
BREAKING उत्तर प्रदेश

बिना ओबीसी आरक्षण निकाय चुनाव होंगे, हाईकोर्ट खंडपीठ का फैसला

79 Views

लंबी सुनवाई व तमाम साक्ष्यों को देखने के बाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है। बड़ा फैसला लेते हुए लखनऊ पीठ ने कहा है कि चुनाव समय पर कराये जायें लेकिन बगैर ओबीसी आरक्षण। यानी अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद ओबीसी के लिये आरक्षित सभी सीटें अब जनरल मानी जायेंगी। लखनऊ पीठ ने अपने 85 पेज की निर्णय में ऐसा कहा है।

इसके साथ ही लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को झटका देते हुए पांच दिसम्बर को जारी ड्राफ्ट नोटिफेकेशन को भी खारिज कर दिया है। न्यायालय ने प्रदेश सरकार को निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के ही कराने के आदेश दिए हैं। यह निर्णय न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने दिया है। दरअसल, इस मुद्दे को लेकर 93 याचिकाएं दाखिल की गई थी। इन पर यह निर्णय लिया गया। कोर्ट ने सरकार द्वारा बीते 12 दिसंबर को जारी उस नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया है जिसके जरिए सरकार ने उन स्थानीय निकायों में प्रशासक तैनात करने की बात कही थी जिनका कार्यकाल शीघ्र पूरा होने जा रहा है।

बता दें कि कोर्ट में सुनवाई के चलते राज्य निर्वाचन आयोग के अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी गई थी। कोर्ट ने कहा है कि जब तक ट्रिपल टेस्ट न हो तब तक ओबीसी आरक्षण नहीं होगा। कोर्ट ने बिना आरक्षण के तत्काल चुनाव कराने के निर्देश दिए। इस मामले में याची पक्ष ने कहा था कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण एक प्रकार का राजनीतिक आरक्षण है। इसका सामाजिक, आर्थिक अथवा शैक्षिक पिछड़ेपन से कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में ओबीसी आरक्षण तय करने से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत डेडिकेटेड कमेटी द्वारा ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य है।

इस पर राज्य सरकार ने जवाबी हलफनामे देते हुए कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार मानते हुए इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए। सरकार ने ये भी कहा था कि ट्रांसजेंडर्स को चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता।सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किन प्रावधानों के तहत निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई है? इस पर सरकार ने कहा कि 5 दिसंबर 2011 के हाईकोर्ट के फैसले के तहत इसका प्रावधान है। लखनऊ खंडपीठ ने  कहा है कि ट्रिपल टेस्ट के बगैर ओबीसी को कोई आरक्षण न दिया जाए। ऐसे में बगैर ओबीसी को आरक्षण दिए स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं। पीठ ने राज्य सरकार को ट्रिपल टेस्ट के लिए आयोग बनाने का आदेश दिया है।

 

follow us on facebook https://www.facebook.com/groups/480505783445020
follow us on twitter https://twitter.com/home
follow us on you tube https://www.youtube.com/channel/UCQAvrXttAEoWXP6-4ATSxDQ
follow us on website https://firstbytetv.com/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *