चौधरी साहब को भारत रत्न : पूर्व की सरकारों ने जो नहीं किया,वह मोदी ने कर दिया
देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौ.चरण सिंह को भारत रत्न देने की आज पीएम मोदी ने घोषणा कर दी। देश में कई सरकारें आई और चली गईं लेकिन किसी ने भी किसानों के मर्म को नहीं समझा। वह भी तब जबकि पिछली सरकारों के सामने राष्ट्रीय लोकदल के तत्कालीन मुखिया अजित सिंह इस मांग को उठाते रहे हैं। उन्हें संतुष्ट करने के लिये यदाकदा हवाई अड्डे या अन्य किसी संस्था का नाम चौ.चरण सिंह के नाम पर जरूर कर दिया गया लेकिन भारत रत्न पर सभी सरकारें चुप्पी साधे रहीं।
अभी हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में खासी दखल देते हुए लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव चौ.विजेंद्र सिंह ने इस मांग को पुरजोर तरीके से उठा डाला। पश्चिमी के कई शहरों में चौ.चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग करते हुए कई रोड शो किये गये। इसके अलावा मेरठ से दिल्ली किसान घाट तक बड़ा रोड शो करते हुए दिल्ली पर दबाव बनाने का प्रयास किया।आज जैसे ही पीएम मोदी ने चौ.चरण सिंह व नरसिम्हा राव और वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा की राष्ट्रीय लोकदल के साथ ही लोकदल भी खुशी में झूम उठा। लोकसभा चुनाव में भाजपा संग जाने की अटकलों पर चुप्पी साधे बैठे जयंत चौधरी से जब अब भाजपा के ऑफर के बारे में बात की गई तो वह बोल पड़े कि अब वह किस मुंह से इनकार करें। उधर, लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव चौ.विजेंद्र सिंह ने पीएम मोदी का इसके लिये धन्यवाद देते हुए 18 फरवरी को दिल्ली पहुंचकर किसान घाट पहुंच कर श्रद्धासुमन अर्पित करने का आह्वान किया है।
#WATCH | When asked if he is ready to join hands with BJP-NDA, RLD chief Jayant Chaudhary says, "Koi kasar rehti hai? Aaj main kis muh se inkaar karoon aapke sawalon ko." pic.twitter.com/6dTo21wzk6
— ANI (@ANI) February 9, 2024
मैं कोई चवन्नी नहीं जो पलट जाऊं…यह कहने वाले जयंत चौधरी ने अब कहा कि वह अपना कोई ट्वीट डिलीट नहीं करेंगे। वैसे आज सिर्फ भारत रत्न देने पर बात हो, गठबंधन पर हम बात न करें। यह बहुत बड़ा दिन है। इसका महत्व कम न करें।
अब बात करते हैं इसके लोकसभा चुनाव पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव की। दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 27 सीटें हैं। इनमें से मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद मंडल की 14 सीटों पर जाटों का वोट ही जीत और हार तय करता है। इन सीटों पर रालोद का खासा प्रभाव माना जाता है। 2019 लोकसभा चुनाव में इन 14 सीटों में से सिर्फ सात सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी, जबकि सात सीटों में से चार पर बसपा और तीन पर सपा को जीत मिली थी। इस बार मिशन 370 के तहत भाजपा पश्चिमी के जाटलैंड की सभी 14 सीटों को जीतना चाहती है। भाजपा यह मान चुकी है कि जयंत चौधरी और उनकी पार्टी के समर्थन के बिना ये संभव नहीं है।
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