
स्पीकर पद संभालते ही ओम बिरला ने बताया..सदन तो ऐसे ही चलेगा,दिया जोर का झटका
लोकसभा का स्पीकर पद पर चुनाव कराने की नौबत नहीं आयी ,दोनों ही पक्षों ने ओम बिरला को दोबारा से स्पीकर पद संभालने के लिये बधाई दे दी। विपक्षी नेता राहुल गांधी व अखिलेश यादव समेत अधिकांश नेताओं ने अपेक्षा की कि स्पीकर जितना नरम रूख सत्ता पक्ष के प्रति रखते हैं, उतना ही विपक्ष पर भी रखेंगे। अखिलेश यादव ने यहां तक कह दिया कि लोकसभा सदन ओम बिरला के इशारे पर चले, किसी अन्य के नहीं। वहीं स्पीकर के आसन पर बैठते ही ओम बिरला ने इमरजेंसी की यादें ताजा करते हुए न सिर्फ मौन रखवा दिया बल्कि काला अध्याय बताते हुए यह भी संकेत दे दिये कि लोकसभा वैसे ही चलेगी जैसी पूर्व में चलती आई है। ओम बिरला के इस रूख से विपक्ष हैरत में हैं जबकि भाजपा नीत गठबंधन सरकार के चेहरे खिल गये हैं।

लोकसभा स्पीकर की चुनावी प्रक्रिया के बाद कुल पल के लिये लगा था कि यह सदन उन कड़वी यादों से दूर रहेगा जो जाते जाते लोगों के मन में घर कर गयी है लेकिन आसन पर बैठते ही ओम बिरला ने विपक्ष को साफ संकेत दे दिये। स्पीकर चुने जाने के तुंरत बाद ओम बिरला ने सदन में इमरजेंसी की निंदा करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान किया था। ओम बिरला ने कहा कि 25 जून 1975 को भारत के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। इसके साथ ही पक्ष और विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी।
कि कांग्रेस ने लोकतंत्र सिद्धांत पर आघात किया. इमरजेंसी के दौरान लोगों को कांग्रेस सरकार द्वारा जबरन थोपी गई अनिवार्य नसबंदी का प्रहार झेलना पड़ा। इमरजेंसी का काला खंड हमें याद दिलाता है कि कैसे उस वक्त हम सभी पर हमला किया गया। ऐसे समय में जब इमरजेंसी के 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये 18वीं लोकसभा अपनी प्रतिबद्धता को दोहराती है। हम भारत में कानून का शासन और शक्तियों का विकेंद्रीकरण अक्षुण रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
स्पीकर ओम बिरला ने इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में दो मिनट का मौन भी रखने को कहा। सत्ता पक्ष के सांसदों ने मौन रखा, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष के सांसद हंगामा करते रहे। कांग्रेस सांसदों ने आरोप लगाया कि स्पीकर ओम बिरला भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं। मौन के बाद स्पीकर ने गुरुवार तक के लिए संसद को स्थगित कर दिया। अब कल (गुरुवार को) संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा।
लोकसभा अध्यक्ष श्री @ombirlakota द्वारा अपील के बावजूद आपातकाल के काले कालखंड में कांग्रेस की तानाशाह सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले भारत के कर्तव्यनिष्ठ और संविधान से प्रेम करने वाले नागरिकों की स्मृति में इंडी गठबंधन वालों ने 2 मिनट का मौन रखना उचित नहीं समझा।
मौन के… pic.twitter.com/q6g3pXlcna
— BJP (@BJP4India) June 26, 2024
इससे पहले एनडीए गठबंधन उम्मीदवार ओम बिरला बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा के स्पीकर चुने गए। यहां चुनाव की नौबत ही नहीं आई। पीएम नरेंद्र मोदी और सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उन्हें आसंदी तक छोड़ने आए। विपक्ष ने मतदान की मांग की थी। उनके उम्मीदवार के. सुरेश थे। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने यह मांग खारिज कर दी। पीएम मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा था और सभी ने ध्वनि मत से इसे स्वीकार कर लिया।
I am glad that the Honourable Speaker strongly condemned the Emergency, highlighted the excesses committed during that time and also mentioned the manner in which democracy was strangled. It was also a wonderful gesture to stand in silence in honour of all those who suffered…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 26, 2024
इसके बाद राहुल गांधी ने ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि वह विपक्ष की आवाज दबने नहीं देंगे। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा उम्मीद है कि विपक्ष की आवाज नहीं दबाई जाएगी। न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई की जाएगी। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता है, सत्ता पर भी रहे। आपके इशारे पर सदन चलता है, इसका उल्टा न हो।
लोकसभा के नव निर्वाचित स्पीकर महोदय का अभिनंदन और साथ में ये निवेदन कि वो इस पद की गौरवशाली परंपरा को बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ाएंगे और लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में हर सांसद और हर दल को बराबरी का मौक़ा और सम्मान देंगे। निष्पक्षता इस महान पद की महान ज़िम्मेदारी है। आप… pic.twitter.com/AzWrQc3QRs
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 26, 2024
विपक्ष की उम्मीदों के विपरीत जिस तरह लोकसभा स्पीकर ने इमरजेंसी के विरोध में अपना पढ़ा हुआ संदेश सुनाया,और विपक्षी सांसदों ने जिस तरह नारेबाजी की उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि 18वीं लोकसभा की शुरूआत ने ही दिखा दिया है कि इसका आगाज क्या और कैसा होगा। बहरहाल, स्पीकर ओम बिरला के इस हमलावर स्टेटमेंट से विपक्ष न सिर्फ हक्का बक्का बल्कि खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।
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