हल्द्वानी में जहां सारा बवाल हुआ,वहां पुलिस स्टेशन बनाया जायेगा-धामी
हल्द्वानी में अभी हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं। बनभूलपुरा क्षेत्र के अलावा बाकी जगह का कर्फ्यू हटा लिया गया है। बनभूलपुरा में हालात बेकाबू होने के बाद आठ फरवरी से कर्फ्यू लगा हुआ है। इस लंबे कर्फ्यू के मद्देनजर मुस्लिम संगठनों ने जरूरतमद वस्तुओं की पूर्ति के लिये कर्फ्यू में राहत देने की मांग की है। मुस्लिम संगठनों का यह भी दावा है कि देश में इन दिनों बुलडोजर संस्कृति हावी है ऐसे में कोई भी मुस्लिम ऐसी हरकत कर ही नहीं सकता है। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बनभूलपुरा में इस जगह पुलिस स्टेशन का निर्माण कराया जायेगा।
हल्द्वानी से लौटकर देहरादून में मुस्लिम संगठनों के नुमाइंदों ने मीडिया से वार्ता की। इन लोगों का कहना है कि हल्द्वानी जाकर उन्होंने इस बवाल के कारण व इससे हुए नुकसान को करीब से देखा। इस मौके पर जमात इस्लाम ए हिन्द के डिप्टी मेयर मलिक मोतहसीन ने कहा कि हल्द्वानी में मस्जिद और मदरसे को तोड़े बिना भी काम चल सकता था। क्योंकि वह काफी लंबे समय से सीज थे। उसके बावजूद जिला प्रशासन ने उसे तोड़ने का काम किया। दूसरी ओर पुलिस प्रशासन पर मुस्लिमों द्वारा पत्थरबाजी की बात कही जा रही है, लेकिन यह सब जानते हैं कि देशभर में बुलडोजर पॉलिटिक्स चल रही है। मुस्लिम पूरी तरह से डरा हुआ है। मुस्लिम जानता है कि ऐसे में पकड़े जाने पर क्या हश्र होगा, लिहाजा वह पथराव नहीं कर सकता।
मलिक मोहतसीन ने कहा कि इस घटना में जो लोग प्रभावित हुए हैं, उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने पुलिस व खुफिया विभाग की इसे विफलता बताया कि उन्हें समय रहते नहीं पता चला कि वहां क्या हालात बन रहे हैं। दुनिया भर में इलीगल कंस्ट्रक्शन को भी लीगल बनाने के कुछ टर्म्स एंड कंडीशंस लाए जा सकते हैं और उसको लीगल बनाया जा सकता है। फिर मस्जिद को तोड़ना, इसकी ऐसी क्या जरूरत पेश आ गई है। उन्होंने कहा कि पूरा शहर नजूल जमीन पर है तो क्या फिर पूरा शहर तोड़ दिया जाए।
बनभूलपुरा, हल्द्वानी में जिस जगह से अवैध अतिक्रमण हटाया गया वहां पर अब पुलिस थाने का निर्माण किया जाएगा।
उपद्रवियों और दंगाइयों के लिए हमारी सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि देवभूमि की शांति से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, ऐसे उपद्रियों के लिए उत्तराखण्ड… pic.twitter.com/kUQsHCCpeq
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) February 12, 2024
जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश के सचिव काजी जाकिर हुसैन ने कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात का वक्त मांगा गया है। जिससे उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी जा सके। जिस तरह से हल्द्वानी में मदरसे और मस्जिद को गिराया गया है वह पूरी तरह से ठीक नहीं है। इसमें संविधान और अदालतों को नजर अंदाज किया गया है।
उन्होंने यह सवाल भी किया कि ऐसी कौन सी जल्दबाजी थी कि कोर्ट की सुनवाई से पहले ही मस्जिद और मदरसे को तोड़ने का काम किया गया। जबकि 14 फरवरी को इस मामले को लेकर न्यायालय में सुनवाई की जानी थी।
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