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सरधना पेपर मिल में सिर कुचले युवक की रहस्यमयी मौत पर पुलिस की चुप्पी ?
परिजनों को मिला मुआवजा, पेपर मिल प्रबंधन को पुलिस ने दी राहत की सांस
उत्तर प्रदेश मेरठ

परिजनों को मिला मुआवजा, पेपर मिल प्रबंधन को पुलिस ने दी राहत की सांस

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  • सरधना पेपर मिल में मंगलवार की सुबह मिला शव
  • अटेरना के तोमेश का था यह शव
  • भारी वस्तु के कई प्रहार से कुचला गया था सिर
  • शरीर पर चोटों के निशान होने के लगे थे आरोप
  • प्रबंधन से सोलह लाख रुपये में हुआ समझौता
  • परिजनों ने पुलिस कार्यवाही से किया इनकार
  • पुलिस ने स्वत संज्ञान लेना गंवारा नहीं किया 

सरधना। सरधना पेपर मिल में सिर कुचल कर मारे गये युवक का मामला आपसी सहमति पर समाप्त हो गया। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा सोलह लाख रुपये बतौर मुआवजा देने के बाद परिजनों ने भी  लिखकर दे दिया कि उन्हें कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं करना है। वहीं एस ओ सरधना रमाकांत पचौरी भी यह कहते हुए रहस्यमय तरीके से शांत हो गये कि किस बाद का मुकदमा दर्ज करना जब परिजनों ने ही  लिखकर दे दिया। युवक तोमेश की मौत फिर कैसे हुई इस सवाल पर एसओ पचौरी का कहना था कि उन्हें नहीं मालूम की तोमेश कैसे मारा गया। यानी साफ है कि सभी पक्ष संतुष्ट होकर बैठ गये और पुलिस ने इसकी जांच भी करना गवारा नहीं किया कि यह हत्या है अथवा दुर्घटना में मौत। स्वत संज्ञान लेने का तो कोई मतलब ही नहीं बनता।

जो युवक मारा गया उसका नाम तोमेश है और वह ग्राम अटेरना निवासी राजेश का पुत्र था। सुबह तोमेश की हत्या की खबर सुनकर परिजन पेपर मिल पहुंचे तो वहां तोमेश का शव पड़ा हुआ था। सिर को भारी वस्तु से कई प्रहार कर कुचला गया था। परिजनों ने यह कहते हुए शव नहीं उठने दिया कि तोमेश की हत्या की गई है और वहां ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे लगे कि यह हत्या महज एक्सीडेंट है। इसे लेकर वहां काफी देर कर हंगामा चलता रहा। एसडीएम भी मौके पर पहुंच गये थे। शव मिलने के बाद पेपर मिल प्रबंधन से जुड़े अफसर व कर्मचारी वहां से भाग निकले थे उन्हें बुला लिया गया। दोपहर बाद तक वहां पंचायत चलती रही। तोमेश के परिजन बता रहे थे कि तोमेश घर का सबसे बड़ा बेटा है। उसकी अभी दो छोटे बहने व भाई भी हैं। अंत में यह हुआ कि बतौर मुआवजा परिजनों को सोलह लाख रुपये दे दिये जाएं।

(विस्तार से देखिये 👇)

सभी पक्षों के सहमत होने पर पेपर मिल मालिक नीरज गुप्ता व दूसरे पार्टनर शिव रस्तौगी ने राहत की सांस ली। वहीं पुलिस ने भी इसलिये राहत की सांस ले ली कि चलो बला टली। दुर्घटना हुई हो या फिर हत्या हमें इससे क्या। जब मियां बीवी राजी तो क्या करेगी पुलिसा। यानी ऐसे तमाम साक्ष्य जो हत्या की ओर चीख चीख कर इशारा कर रहे थे थाना प्रभारी रमाकांत पचौरी ने उस तरफ से आंख फेर ली। दोपहर बाद शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया।

देर शाम शव गांव पहुंचा जहां तोमेश का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पूर्व युवक का शव कई घंटे चारपाई पर रखकर स्वजन व ग्रामीणों ने धरना दिया था। ये सभी तोमेश की हत्या का आरोप लगाते हुए बदमाशों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े थे। हालात बिगड़ते देख वहां फायर बिग्रेड भी बुला ली गई थी। मौके पर पुलिस ने पेपर मिल प्रबंधन से फायर व प्रदूषण की एनओसी भी मांगी लेकिन वह एनओसी नहीं दिखा पाये।

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