मोदी सरकार को असहज करने वाले सत्यपाल मलिक की सुरक्षा हटी
- जम्मू कश्मीर, मेघालय के रह चुके राज्यपाल
- किसान आंदोलन पर केंद्र को घेर चुके
- अग्निवीर योजना पर भी किया था असहज
- सुरक्षा में एक पीएसओ तैनात किया गया
- कुछ हुआ तो केंद्र सरकार जिम्मेदार-मलिक
किसान आंदोलन व अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को परेशानी में डालने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की सुरक्षा में भारी कटौती कर दी गई है। उनकी जेड प्लस सुरक्षा कवर को हटा लिया गया है। उन्हें एक निजी सुरक्षा अधिकारी दिया गया है जो बकौल सत्यपाल मलिक पिछले तीन आ भी नहीं रहा है। यह जानकारी स्वयं पूर्व राज्यपाल ने मीडिया को दिये एक साक्षात्कार में दी है। उन्होंने दावा किया है कि किसान आंदोलन व अग्निवीर योजना के सवाल उठाने की उन्हें सजा मिली है।
मेरठ बागपत से उठकर देश के राजनीतिक पटल पर छाने वाले सत्यपाल मलिक समय समय पर ऐसे बयान देते रहे हैं जिसने मोदी सरकार को असमंजस की हालात में डाल दिया है। किसान आंदोलन के दौरान जिन नीतियों को लागू करने के लिये मोदी सरकार अडिग थी उस पर वह बराबर सवाल उठा रहे थे। इससे पूर्व जम्मू कश्मीर के राज्यपाल पद पर रहते हुए उनके इस बयान ने खासी सुर्खियां बटोरी थी कि अंबानी की एक फाइल पास करने के लिये उन्हें तीन सौ करोड़ रुपये का आफर मिला था। इसमें आरएसएस का एक नेता भी शामिल था।
बाद में चारों तरफ की घेराबंदी के बाद सत्यपाल मलिक बैक फुट पर आ गये थे। इस बयान से भी भाजपा व सरकार की खासी फजीयत हुई थी। इसके अलावा अग्निवीर योजना को लेकर भी उन्होंने केंद्र सरकार को कटघरे में ला खड़ा किया था। मलिक जम्मू और कश्मीर के अलावा, मेघालय और गोवा के राज्यपाल रह चुके हैं।
अब मीडिया को दिये साक्षात्कार में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि उनकी सुरक्षा कम कर दी गई है। Z+ सुरक्षा कवर के बजाय एक निजी सुरक्षा अधिकारी तैनात कर दिया गया है जो पिछले तीन दिन से आ भी नहीं रहा है। मलिक ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहे हैं। वह कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं। उन्हें पुलिस मुख्यालय से इस आशय की सूचना मिली है कि उनकी Z+ सुरक्षा हटा दी गई है। ऐसे में अगर कुछ भी होता है तो इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी।
पूर्व राज्यपाल ने यह भी कहा कि उन्होंने ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग की थी। उनके कार्यकाल में ही धारा- 370 भी हटाई गई। आज तक जम्मू-कश्मीर में जितने भी LG रहे हैं, सबके पास सुरक्षा है। ऐसे में उनकी ही सुरक्षा क्यों हटाई गई, ये समझ नहीं आ रहा है। इसे लेकर उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा है।
दरअसल, जम्मू कश्मीर के बाद सत्यपाल मलिक को गोवा का राज्यपाल बनाया गया था। गोवा के बाद सत्यपाल मलिक को मेघालय का राज्यपाल बनाया गया। मलिक अक्टूबर 2022 तक मेघालय के राज्यपाल रहे हैं।
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