बीसीसीआई ने महिलाओं के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। जैसे पुरुष क्रिकेटरों को सालाना अनुबंधन किया जाता है ठीक उसी तरह महिला क्रिकेटर को भी बीसीसीआई सालाना अनुबंधन करता है। लेकिन दोनों की मैच फीस से अलग अनुबंधन राशि में जमीन आसमान का फर्क है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने महिलाओं के हित में बड़ा फैसला लेते हुए क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया है। बीसीसीआई ने महिलाओं के हित में घोषणा की है कि जितनी फीस पुरुष खिलाड़ियों को मैच की दी जाती है अब उसी के बराबर फीस महिलाओं को भी दी जाएगी। पूर्व अध्यक्ष गौरव गांगुली के पद से विदा होने के बाद भारतीय बोर्ड का यह बड़ा फैसला आया है।
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि मुझे लैंगिंग समानता की दिशा में पहला कदम उठाते हुए खुशी हो रही है। हम भारतीय महिला टीम के अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए बराबर की नीति लागू कर रहे हैं। हम क्रिकेट में लैंगिक समानता की दिशा के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। और हम पुरुष और महिला क्रिकेटरों को बराबर मैच फीस का भुगतान किया जाएगा।
भारतीय पुरुष क्रिकेट “ए+” कैटेगिरी के तहत सालाना सात करोड़, “ए” कैटेगिरी से सालना पांच और ग्रेड “बी” के तहत सालना तीन और ग्रेड सी के तहत प्रत्येक साल एक करोड़ रुपये की रकम पाते हैं, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं के अनुबंध की रकम काफी कम है।
जहां पुरुष क्रिकेटरों के लिए कुल मिलाकर चार कैटेगिरी हैं, तो वहीं अनुबंधि महिला खिलाड़ियों को तीन वर्गों में बांटा गया है। ए कैटेगिरी की खिलाड़ियों को सालाना पचास लाख, जबकि बी कैटेगिरी की खिलाड़ियों को तीस लाख रुपये का भुगतान किया जाता है, जबकि सी कैटेगिरी की अनुबंधित खिलाड़ियों को साल में दस लाख रुपये मिलते हैं।