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प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार पूर्ण लॉकडाउन को तैयार, कहा- सिर्फ राजधानी ही नहीं NCR में भी लगे पाबंदी

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राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए केजरीवाल सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में कहा कि उनकी सरकार पूर्ण लॉकडाउन लगाने को तैयार है. इसके साथ ही, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोर्ट से कहा कि यह अधिक सार्थक होगा अगर पड़ोसी राज्यों के अंतर्गत आने वाले एनसीआर में भी लॉकडाउन लगाया जाए. कोर्ट ने केंद्र एवं राज्यों से इस बारे में फैसला लेने को कहा कि कुछ किन उद्योगों, वाहनों और संयंत्रों का संचालन कुछ समय के लिए रोका जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने निगमों को जिम्मेदार ठहराने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और कहा कि झूठे बहाने उसे प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नारों पर खर्च और कमाई की लेखा परीक्षा कराने पर मजबूत करेंगे । कोर्ट ने केन्द्र से कहा कि वह इस मामले पर बैठक बुलाए. इसके साथ ही, अब इस मामले की अगली सुनवाई परसो यानी 17 नवंबर को होगी. गौरतलब है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर जरूरत पड़े तो दो दिन का लॉकडाउन लगा दें. याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा- पंजाब में चुनाव हैं. वहां सरकार अलोकप्रिय नहीं होना चाहती, इसलिए पराली जलाने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही. इसलिए, पूर्व जज जस्टिस लोकुर की अध्यक्षता में कमेटी बनाना बेहतर कदम था.

चीफ जस्टिस ने कहा- हम अभी नई कमेटी पर बात नहीं कर सकते. हमें सॉलिसिटर जनरल से जानने दीजिए कि सरकार क्या कर रही है. सॉलिसिटर- दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं. स्कूल, दफ्तर बंद रखने जैसे उपाय हैं. हरियाणा भी मिलते-जुलते कदम उठा रहा है. जेनसेट बंद रखना जैसे उपाय भी अपनाए जा रहे हैं । सॉलिसीटर ने आगे कहा- कमेटी की बैठक हुई. हमारी जानकारी में पराली के धुएं का योगदान कुल प्रदूषण में 10% ही है. सड़क से धूल, निर्माण कार्य, गाड़ी आदि से बड़ा योगदान. ईंट भट्ठों को बंद रखने, सड़क निर्माण के हॉट मिक्स प्लांट बंद रखने जैसे उपाय अपनाए जा रहे हैं. सड़क साफ रखने वाली मशीन का इस्तेमाल होगा. जस्टिस सूर्यकांत- ऐसी कितनी मशीनें हैं? क्या उनकी कीमत ऐसी है कि राज्य सरकार उन्हें खरीद सके. जो लोग इसे चलाएंगे, वह बाद में क्या करेंगे? सॉलिसिटर- लॉकडाउन को अंतिम उपाय की तरह देखा जाना चाहिए. उससे पहले कई कदम उठाए जा सकते हैं ।

जज ने कहा- दिल्ली में 69 सड़क सफाई मशीन है. लेकिन इस्तेमाल कितने का हो रहा है. दिल्ली सरकार का पूरा हलफनामा सिर्फ किसानों पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश है. दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा रक्षात्मक मुद्रा में आ गए. सॉलीसीटर जनरल ने कहा- दिल्ली समेत सभी राज्य अपना सबसे अच्छा प्रयास कर रहे हैं. जज- चार्ट के मुताबिक पराली का योगदान सिर्फ 4% है. दिल्ली के वकील- MCD से भी हलफनामा लिया जाए. CJI- आप अब MCD पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जस्टिस सूर्यकांत- आपका यही रवैया है तो हमें ऑडिट करवाना पड़ेगा कि आप कितना राजस्व ले रहे हैं. उसका कितना सिर्फ अपनी वाहवाही वाले प्रचार में खर्च कर रहे हैं. CJI ने कहा- आपके पास स्टाफ को वेतन देने के पैसे नहीं है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने शनिवार को आपातकालीन बैठक बुलाई थी. बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्ण लॉकडाउन का सुझाव दिया है. कोर्ट के आदेश को लेकर हम प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं. तैयार प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे.

बता दें कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार इससे निपटने के लिए अपने स्तर से कई फैसले ले रही है. सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस समस्या से निपटा जाए. केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया है कि आज से 17 नवंबर तक स्कूल एक हफ्ते तक के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं दिल्ली के बाद हरियाणा सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है. खट्टर सरकार ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर में चल रहे स्कूलों को 17 नवंबर तक बंद करने का फैसला लिया है. इस सबंध में सरकार ने रविवार को आदेश दिया कि यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है ।।

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