राकेश टिकैत बोले-न्योता आया तो अयोध्या जाऊंगा, कांग्रेस हो या BJP, सरकार पैसे वाले चलाते हैं
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम के लिए अगर वहां की कमेटी निमंत्रण देगी, तो हम जाएंगे। लेकिन सब कुछ सरकार के हाथ में है। ऐसे में निमंत्रण नहीं आएगा। टिकैत परिवार वहां सदियों से जाता रहा है। सरकार पार्टी नहीं, पूंजीवादी लोग चलाते है । First Byte Tv से बात करते हुए ऐसे तमाम बातें किसान नेता राकेश टिकैत ने शेयर कीं । उन्होंने कहा कि वह लोग चुनाव से दूरी बना कर रखेंगे। हालांकि आंदोलन जारी रहेगा ।
सवाल : प्रयागराज में आप शिविर कर रहे हैं। किसान आंदोलन को बढ़ाने के लिए वहां किस तरह की चर्चा होगी?
जवाब : प्रयागराज में हमारे संगठन का कार्यक्रम होता है। चार दिन का यह शिविर होता है। पिछले 35 साल से हम यह करते आ रहे हैं। बीते 6 महीने में किसानों के स्तर पर क्या हुआ? सरकार से लेकर संगठन के स्तर पर और अगले 6 महीने में हम क्या करेंगे, इसको लेकर चर्चा होगी।
सवाल : संयुक्त किसान मोर्चा इस वक्त सक्रिय नहीं दिख रहा है?
जवाब : ऐसा नहीं है। हमारा आंदोलन किसान के मुद्दे पर है। उसको लेकर बात रखी जाती है। बाकी, देश में हजारों मुद्दे हैं, उसके लेकर उनके दूसरे संगठन है। वह काम करते हैं।
सवाल : यूरिया का 45 किलो का पैकेट 40 किलो का कर दिया गया। आप लोगों ने इसको लेकर भी कुछ नहीं किया?
जवाब : ऐसा नहीं है। इसको लेकर हमारी बात वैज्ञानिकों से चल रही है। हम यह देख रहे हैं कि वजन कम करने के बाद भी गुणवत्ता पर असर नहीं पड़ना चाहिए। ज्यादा वजन होने के बाद भी अगर वह काम ठीक से न करे, तो कोई फायदा नहीं है।
अभी आयरन कोटेट किया है। अभी बात चल रही है। पूरी जानकारी के बाद ही हम कुछ करेंगे। इसको लेकर हमने पूरी कमेटी बनाई है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद हम सरकार से बात करेंगे।
सवाल : 2022 या उससे पहले जहां भी चुनाव हुआ, वहां आप लोग BJP के खिलाफ लड़ने वाली पार्टी का समर्थन कर रहे थे। क्या यह 2024 में भी दिखेगा?
जवाब : हमारा संगठन गैर-राजनीतिक है। जो भी सरकार गलत पॉलिसी लेकर आएगी, हम उसके खिलाफ हैं। बहुत से राज्य में गैर बीजेपी सरकार है, हम उसके खिलाफ भी आंदोलन कर रहे हैं। बिहार में मंडी समिति बंद है। उसके खिलाफ वहां बड़ी लड़ाई की तैयारी है। 19 से 21 जनवरी तक वहां रहेंगे। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी।
जंगल वह भी काट रहे थे और जंगल मौजूद सरकार भी काट रही है। सरकार के ऊपर भी कोई है। पूंजीवाद हावी है। पार्टी कोई भी पॉलिसी पूंजीवाद की चल रही है। राजनीतिक दल से सिस्टम नहीं रुकने वाला है। देश में बड़े आंदोलन की जरूरत पड़ेगी।
सवाल : आंदोलन से आप मुद्दे के खिलाफ लड़ सकते हैं, लेकिन चुनाव में गए बिना काम नहीं हो सकता?
जवाब : तीन काले कानून आंदोलन से ही रुके। राजनीति और चुनाव से नहीं हुआ था। देश आजाद आंदोलन से हुआ। आंदोलन से सब कुछ होना है।
सवाल : पॉलिसी तो नेता ही सदन के अंदर जाकर बनाते हैं?
जवाब : हमारा मुद्दा आंदोलन से है। कोई भी पार्टी अगर गलत फैसला लेगी, तो हम उसके खिलाफ आंदोलन खड़ा कर देंगे।
सवाल : 2024 चुनाव में भी आप वैसे ही सक्रिय होंगे, जैसे आप पहले के चुनाव में हुए थे?
जवाब : हम चुनाव से अलग रहेंगे। चुनाव लोकतांत्रिक आधारित नहीं है। विपक्ष अपनी निगाह खुद नहीं रख पा रहा है। ऐसे में हम चुनाव से अलग रहेंगे। सत्ता की कुर्सी की निगरानी विपक्ष को भी रखनी चाहिए।
सवाल : 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए क्या आप अयोध्या जा रहे हैं ?
जवाब : हमको निमंत्रण मिलेगा, तो जरूर जाएंगे।
सवाल : क्या आपको निमंत्रण नहीं मिला है ?
जवाब : अगर वहां की कमेटी निमंत्रण देगी, तो जरूर जाएंगे। अगर उसके हाथ में कुछ होगा तो जरूर जाएंगे। क्योंकि, टिकैत परिवार के लोग 16वीं, 17वीं में परिवार के लोग वहां पर गए।
19वीं सदी में कोई कार्यक्रम हुआ, तो वहां हमारे परिवार से लोग गए हैं। इसके दस्तावेज वहां मिलेंगे कि टिकैत परिवार यहां आया है। अगर भारत सरकार के कंट्रोल में सब कुछ है कि निमंत्रण किसको देना है तो वह नहीं देगी।