
रामलला के दर्शन के लिए पैदल ही चले रामभक्त,600km से ज्यादा का सफर किया तय
22 जनवरी। ये वो तारीख है, जब रामलला अपने घर यानी मंदिर में विराजमान होंगे। उनकी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़े केंद्र अयोध्या की तरफ भक्त बढ़ रहे हैं। जिनसे मिलने के लिए जब दैनिक भास्कर की टीम दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर पहुंची। तो राम नाम जपते, हाथ में झंडे लेकर अयोध्या की तरफ बढ़ते हुए दिखे । हमारी सबसे पहले मुलाकात हुई शुभम चौहान से। 24 साल के शुभम प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। वह मेरठ के मुल्ताननगर के रहने वाले हैं। शुभम 2 जनवरी से अयोध्या की तरफ पैदल चल रहे हैं। वह कहते हैं कि 22 जनवरी तक 650 किमी. की दूरी तय करनी है। इसलिए हर दिन 20 किमी. चलने की कोशिश करते हैं । हवाएं सर्द हैं, मौसम सपोर्ट नहीं करता। थकान भी होती है, लेकिन एक बार भगवान को अपने घर में देखने की लालसा है। क्या मुराद है आपके मन में? इस सवाल पर शुभम कहते हैं कि कोई मन्नत नहीं है। बल्कि सिर्फ दर्शन करने हैं। यही वजह है कि कंपनी में छुट्टी के लिए बताया भी नहीं। अचानक ही सामान पैक करके निकल पड़ा हूं। शुभम ने बताया कि हरिद्वार से 2 बार कांवड़ लेकर आया हूं। लेकिन, यह बिल्कुल नए तरीके का अनुभव है । शुभम से बात करने के बाद हम हाईवे पर कुछ और आगे बढ़े। यहां हमारी मुलाकात देवेंद्र से हुई। वह बागपत के धनोरा के रहने वाले हैं। पेशे से प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। उन्होंने भगवा कपड़े पहने थे। हाथ में झंडा था। मुंह से राम नाम निकल रहा था। वह कहते हैं कि मैं अकेला ही अयोध्या के लिए निकला था। लेकिन हाईवे पर मेरे जैसे और लोग भी दिखे। अब उनके साथ ही रामलला को देखने के लिए जा रहा हूं । देवेंद्र बताते हैं कि रोजाना सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक ही पैदल चलता हूं। क्योंकि सर्दी और कोहरा बहुत ज्यादा है । इसी जत्थे में चल प्रदीप सैनी कहते हैं कि पहले कांवड़ लाए हैं। लेकिन, राम का ध्यान करते हुए अयोध्या की तरफ बढ़ने की ये खुशी कुछ अलग है। मैं एक दुकान पर काम करता हूं। अचानक ही इच्छा हुई कि अयोध्या जाना है। फिर घर से निकल पड़ा। मुझे भरोसा है कि भगवान मेरी यात्रा को सफल करेंगे। प्रदीप शामली झिंझाना में रहते हैं । मेरे साथ में कई लोग ऐसे हैं, जिनके पैरों में छाले पड़ चुके हैं। लेकिन, वह बिना रुके आगे बढ़ रहे हैं। हम लोगों को करीब 800 किमी. की दूरी तय करनी है। इसलिए तेजी से अयोध्या की तरफ बढ़ते जा रहे हैं । इसके बाद हमारी मुलाकात बागपत में रहने वाले विनोद कुमार से हुई। वह कहते हैं कि मैं किसान हूं। सनातन धर्म को मानता हूं। इस धर्म को मानने वालों के लिए 22 जनवरी से बड़ा दिन है। इस दिन रामलला के दर्शन हर हाल में करने हैं, बस इसी इच्छा के साथ अयोध्या की तरफ बढ़ रहे हैं। हमारा सफर लंबा है, मौसम बहुत सर्द है। कोहरा की वजह से चलने में दिक्कत होती है, लेकिन राम को याद करते हुए चलते जा रहे हैं ।।