झारखंड के खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र के कुम्हारडीह गांव में 20 मार्च को सुबह मारे गए रोशन होरो की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है. सीआईडी की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि रोशन होरो को सिर में हथियार सटाकर गोली मारी गई थी. सिर के पीछे के हिस्से में गोली मारे जाने के कारण यह सिर के सामने से निकल गई थी. सीआईडी ने आरोपी जवान की पहचान कर ली है । गौरतलब है कि रोशन होरो घटना के वक्त ढोल बनाने के लिए चमड़ा लेकर बाजार जा रहे थे. इसी दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें रूकने को कहा, लेकिन नहीं रूकने पर सीआरपीएफ जवान ने रोशन को पकड़ कर गोली मार दी । हालांकि घटना के ठीक बाद ही राज्य पुलिस अभियान ने रोशन को गोली मारे जाने के मामले में गलती स्वीकार कर ली थी. इस मामले में सीआरपीएफ के अज्ञात जवान पर एफआईआर मुरहू थाने में दर्ज भी की गई थी. बाद में सीआईडी ने इस केस को टेकओवर कर लिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आए तथ्यों और जांच के आधार पर पुलिस ने गोली चलाने वाले सीआरपीएफ जवान को भी चिन्हित कर लिया है. जल्द ही केंद्र सरकार और सीआरपीएफ से जवान की गिरफ्तारी के लिए पत्राचार किया जाएगा । इसी वर्ष 19 मार्च को पीएलएफआई के बड़े उग्रवादियों के दस्ते के साथ इलाके में पुलिस मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ के बाद स्मॉल एक्शन टीम बनाकर आसपास के इलाके में छापेमारी की जा रही थी. वहीं सीआरपीएफ जवानों की एक छोटी टुकड़ी को वाहनों की सुरक्षा और चेकिंग के लिए कुम्हारडीह गांव के समीप तैनात किया गया था.20 मार्च को 34 साल के रोशन का शव बरामद किया गया था, उस समय ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया था कि सीआरपीएफ की गोलीबारी में रोशन मारा गया है. इसके बाद मामले की जांच सीआईडी को दी गई थी.इस घटना के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कार्यालय 24 जून 2020 को रोशन होरो के परिवार से मुलाकात की थी और सरकार से सभी सहयोग के परिवार को आश्वासन दिया था. मुख्यमंत्री सोरेन ने मृतक की पत्नी को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और ब्लॉक कार्यालय मुरहू में नौकरी देने का निर्देश दिया था ।।
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