मुंबई में युवती के साथ ‘निर्भया’ जैसी दरिंदगी, हालत बेहद नाजुक, एक आरोपी गिरफ्तार ।।
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मुंबई में युवती के साथ ‘निर्भया’ जैसी दरिंदगी, हालत बेहद नाजुक, एक आरोपी गिरफ्तार ।।

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  • टेंपो के अंदर किया गया रेप
  • निजी अंगों में लोहे की छड़ से हमला किया गया
  • आरोपी पर रेप और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज
  • सरिया डालने के कारण महिला की आंत बाहर आ गई थी
  • साल 2012 में दहल गई थी दिल्ली
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां साकीनाका इलाके में 30 साल की युवती के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी हुई है. युवती के साथ रेप के बाद बर्बरता की गई है, जिसके बाद से उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. इस मामले में अबतक एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस का कहना है कि पीड़िता के होश में आने के बाद ही उसका बयान लिया जाएगा । बताया जा रहा है कि साकीनाका में एक टेंपो के अंदर इस युवती के साथ पहले रेप किया गया और फिर उसपर हमला किया गया. यह घटना 2012 के ‘निर्भया’ कांड की याद दिलाती है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना के कुछ ही घंटों के भीतर 45 साल के आरोपी मोहन चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया है । अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार तड़के पुलिस नियंत्रण कक्ष को फोन आया कि खैरानी रोड पर एक व्यक्ति एक महिला की पिटाई कर रहा है. अधिकारी ने बताया कि महिला का पता लगाने के लिए पुलिस टीम मौके पर पहुंची. खून से लथपथ महिला को नगर निगम संचालित राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया. प्रारंभिक जांच के अनुसार, उसके साथ बलात्कार किया गया और उसके निजी अंगों में लोहे की छड़ से हमला किया गया । यह घटना सड़क किनारे खड़े एक टेंपो के अंदर हुई. अधिकारी ने बताया कि वाहन के अंदर भी खून के धब्बे मिले हैं. डॉक्टरों के मुताबिक महिला की हालत गंभीर है. कुछ सुरागों के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपी चौहान को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 376 (बलात्कार) के तहत गिरफ्तार किया गया और आगे की जांच जारी है । बताया जा रहा है कि पीड़िता महिला का ऑपरेशन किया गया है, लेकिन उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. महिला फिलहाल वेंटिलेटर पर है. डॉक्टरों ने बताया है कि सरिया डालने के कारण महिला की आंत बाहर आ गई थी. डॉक्टर अब ये इंतज़ार कर रहे हैं कि ऑपरेशन के बाद पीड़ित महिला का शरीर किस तरह का रिएक्ट करता है. डॉक्टरों ने बताया है कि महिला जब तक स्टेबल नहीं होती, तब तक दूसरे अस्पताल में शिफ्ट नहीं कर सकते । बता दें कि दिसंबर 2012 में देश की राजधानी दिल्ली में चलती बस के अंदर एक युवती से निर्दयता से गैंगरेप किया गया और बाद में उसपर हमला किया गया. जिसे बाद में ‘निर्भया’ कहा गया. इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था. कई दिनों तक जिंदगी के संघर्ष के बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी ।।

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