फेसबुक की नई ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में दावा, केंद्र सरकार ने 6 माह में मांगे 40,300 यूजर्स का डेटा
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फेसबुक की नई ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में दावा, केंद्र सरकार ने 6 माह में मांगे 40,300 यूजर्स का डेटा

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अनुरोधों में तेरह फीसदी से ज्यादा इजाफा

अमेरिका के बाद भारत इस मामले में दूसरे पायदान पर

सरकार के अनुरोध पर 878 आइटम्स प्रतिबंधित किये गये

दस आइटम कुछ समय के लिये किये प्रतिबंधित

 

नई दिल्ली। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की ताजा ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट निश्चित रूप से चौकाने वाली हैं। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि भारत सरकार ने वर्ष 2020 के आखिरी छह माह में  चालीस हजार तीन सौ यूजर्स के डेटा उससे मांगे थे। भारत सरकार की ओर से आए अनुरोधों में जनवरी से जून 2020 की तुलना में 13.3 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई। इस दौरान भारत ने 35 हजार 560 यूजर्स के डेटा मांगे थे। सोशल मीडिया की यह रिपोर्ट निश्चित रूप से आने वाले समय में केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाली हो सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने जुलाई से दिसंबर 2020 के बीच में भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, 878 आइटम्स को प्रतिबंधित भी किया। इनमें से 10 आइटम को कुछ समय के लिए प्रतिबंधित किया गया था। भारत सरकार के चालीस हजार तीन सौ अनुरोध में से 37 हजार 865 अनुरोध कानूनी प्रक्रिया वाले थे और 2 हजार 435 अनुरोध इमरजेंसी डिस्क्लोजर वाले। यूजर्स के डेटा देने के सबसे ज्यादा अनुरोध करने वालों में हालांकि, भारत दूसरे पायदान पर है। पहले नंबर पर अमेरिका है जिसने जुलाई-दिसंबर 2020 के बीच कुल 61 हजार 262 यूजर्स के डेटा मांगे।

रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि साल 2020 के पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही के अंदर दुनियाभर की सरकारों से मांगे जाने वाले यूजर्स के डेटा की संख्या में 10 फीसदी इजाफा हुआ है। पहली छमाही में जहां दुनियाभर की सरकारों ने मिलकर फेसबुक से 1 लाख 73 हजार 592 यूजर्स के डेटा मांगे थे तो वहीं दूसरी छमाही में यह आंकड़ा 1 लाख 91 हजार 13 तक पहुंच गया था। भारत में 62,754 यूजर/अकाउंट्स से संबंधित डेटा की मांग की गई थी और 52 फीसदी मामलों में कुछ डेटा प्रस्तुत किया गया था।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘फेसबुक सरकार की ओर से आए अनुरोधों का जवाब संबंधित कानूनों और अपनी सेवा की शर्तों के मुताबिक देता है। हर अनुरोध की ध्यानपूर्वक समीक्षा की जाती है और समीक्षा के बाद ही उस पर निर्णय लिया जाता है।

 

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