खाली कुर्सियों के बीच शिवपाल यादव ने कहा- भाजपा को हराने के लिये एकजुट होना होगा
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शिवपाल यादव ने सिवालखास में किया अस्पताल का शिलान्यास
उम्मीद से कहीं ज्यादा लगाई गई थी कुर्सियां
भीड़ आगे की कुर्सियों तक ही सीमित रही
चाचाजी संघर्ष करो के नारे सुन शिवपाल हुए गदगद
भाजपा को हराने के लिये समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट होना होगा
वह तो कई बार सपा से गठबंधन की कर चुके हैं कोशिश
अब अखिलेश यादव को तय करना है, अगर सीएम बनना है तो
मेरठ। चाचाजी संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं..नारे सुनकर गतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल यादव को अच्छा अवश्य लगा लेकिन दूर तक खाली पड़ी कुर्सियां जरूर अखरी होंगी। भीड़ का दूर तक निशान नहीं था, जिधर नजर गयी उधर खाली पड़ी कुर्सियां… ग्रामीणों व समर्थकों का इंतजार देखती रही लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। समाजवादी पार्टी परिवार में अलग थलग पड़े शिवपाल यादव में जरूर मुख्यधारा से जुड़ने की छटपटाहट साफ नजर आयी। उन्होने कहा भी..यदि अखिलेश यादव यूपी का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो उन्हें गठबंधन करना होगा। क्योंकि भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिये समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक होना ही होगा। जहां तक उनकी बात है तो गठबंधन के लिये उनकी प्राथमिकता सपा ही है, वह कई बार कोशिश कर भी चुके हैं, अब बाकी जिम्मेदारी अखिलेश यादव की है। यानी स्पष्ट है कि वह तो अपने पत्ते खोल चुके हैं अब अखिलेश यादव को तय करना है कि वह अपने चाचा को साथ लेते हैं,…फिर वहीं स्थान देते हैं अथवा नहीं।
(विस्तार से यह भी देखिये https://www.youtube.com/watch?v=Ai91sDCqg2g )
दरअसल, समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव की पहचान चाचा जी के रूप में रही है। पार्टी में उनकी अपनी अलग व विशिष्ठ अहमियत रही है। पार्टी से अलग होना पड़ा तो गतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन कर लिया। आज यूपी मेरठ के सिवालखास में शिवपाल यादव एक अस्पताल का शिलान्यास करने पहुंचे थे। आयोजकों ने उम्मीद के मुताबिक ही सभा स्थल पर दूर तक बैठने का इंतजाम किया था लेकिन भीड़ आगे की कुर्सियों तक ही सीमित रही। जिस वक्त उन्होंने अस्पताल का शिलान्यास भी किया उस वक्त भी बेहद कम भीड़ वहां नजर आयी। इस अस्पताल पर पचास करोड़ रुपये खर्च होंगे, ऐसा वहां आयोजक अमित जानी द्बारा बताया गया। इस मौके पर मीडिया से शिवपाल यादव ने बात भी की।