कोरोना इलाज में अब नहीं होगा प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल, ICMR ने जारी की नई गाइडलाइन
-लंबे प्रयोग के बाद एन-95 को बताया था सभी के लिये जरूरी नहीं
-अब प्लाज्मा थैरपी को बताया गया गैर जरूरी
नई दिल्ली। लंबे समय तक प्रयोग के बाद पहले एन-95 मास्क और अब प्लाज्मा थैरेपी को झूठला दिया गया है। अब आईसीएमआर का कहना है कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थैरेपी उपयोगी नहीं है। इसे अब चिकित्सीय प्रबंधन दिशा-निर्देशों से हटा दिया गया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्लाज्मा थैरेपी बीमारी की गंभीरता या मौत की संभावना को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पहले शनिवार को कोविड-19 संबंधी आईसीएमआर की राष्ट्रीय कार्यबल की बैठक में सभी सदस्य इस पक्ष में थे कि कोविड-19 के वयस्क मरीजों के उपचार प्रबंधन संबंधी चिकित्सीय दिशा-निर्देशों से प्लाज्मा पद्धति के इस्तेमाल को हटाया जाना चाहिए क्योंकि यह प्रभावी नहीं है। कई मामलों में इसका अनुचित रूप से इस्तेमाल किया गया है।
बता दें कि इस थैरेपी को हटाने का फैसला ऐसे समय में हुआ है जब कुछ डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन को पत्र लिखकर देश में कोविड-19 के उपचार के लिए इसे ‘‘अतार्किक और गैर-वैज्ञानिक उपयोग’’ की संज्ञा देते हुए आगाह किया था। पत्र की प्रति आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी भेजा गया था।