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- विस्तारा ने 9 जनवरी 2015 से अपना ऑपरेशन शुरू किया
- सात महीने में ही 5 लाख से ज्यादा ग्राहकों हवाई यात्रा कराई
- इसने एविएशन इंडस्ट्री में कई बड़े बदलावों की नींव रखी
- सिंगापुर एयरलाइंस, एयर इंडिया में 3195 करोड़ रुपये का निवेश करेगी
आज यानी 12 नवंबर से विस्तारा की सभी उड़ानों का संचालन एयर इंडिया करेगी। आज टाटा ग्रुप की एयर इंडिया में इसके मर्जर की प्रक्रिया हो जाएगी। अब एयर इंडिया देश की इकलौती फुल सर्विस कैरियर रहेगी। पिछले 17 साल में फुल सर्विस कैरियर की संख्या पांच से घटकर सिर्फ एक रह गई। इस मर्जर के बाद डोमेस्टिक और इंटरनेशनल रूट्स पर एयर इंडिया का दबदबा बढ़ जाएगा। अब 12 नवंबर से विस्तारा की सभी उड़ानों का संचालन एयर इंडिया करेगी। टिकट बुकिंग भी एयर इंडिया की वेबसाइट से होगी। विस्तारा के 2.7 लाख ग्राहकों के टिकट एयर इंडिया को ट्रांसफर हुए हैं। लॉयल्टी मेंबर के प्रोग्राम महाराजा क्लब में ट्रांसफर होंगे।
खास बात ये है कि दोनों एयरलाइंस के मर्जर के बाद सिंगापुर एयरलाइंस, एयर इंडिया में 3195 करोड़ रुपये का अतिरिक्त इन्वेस्टमेंट करेगी, जिसके चलते उसकी एयर इंडिया में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी।
दरअसल, देश की पहली एयरलाइन एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में जेआरडी टाटा ने की थी। तब इसका नाम टाटा एयरलाइंस था। आजादी मिलने के बाद टाटा एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण हो गया और इसे एयर इंडिया नाम मिल गया। टाटा ग्रुप को हमेशा अपनी एयरलाइन न होने की कमी खलती थी और इसके चलते ही उसने 2013 में विस्तारा को शुरू किया।
बाद में सरकार ने जब एयर इंडिया का निजीकरण करने का फैसला किया, तो टाटा ग्रुप ने भावनात्मक लगाव होने की वजह से उसे भी खरीद लिया। लेकिन, दो एयरलाइन का संचालन असहज करने वाला था, तो टाटा ग्रुप ने साल 2022 में विस्तारा का एयर इंडिया में मर्जर करने का फैसला किया। यह मर्जर आज से प्रभावी भी हो जाएगा।
यानी अब 12 नवंबर से विस्तारा की सभी उड़ानों का संचालन एयर इंडिया करेगी। टिकट बुकिंग भी एयर इंडिया की वेबसाइट से होगी। विस्तारा के 2.7 लाख ग्राहकों के टिकट एयर इंडिया को ट्रांसफर हुए हैं। लॉयल्टी मेंबर के प्रोग्राम महाराजा क्लब में ट्रांसफर होंगे। अब एयर इंडिया फुल-सर्विस और लो-कॉस्ट वाली पैसेंजर सर्विस, दोनों को ऑपरेट करने वाली इकलौती डोमेस्टिक एयरलाइन होगी। उसकी इंटरनेशनल रूट पर हिस्सेदारी बढ़कर 50 फीसदी से अधिक पहुंच जाएगी।
बता दें कि वह इंडिगो के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी डोमेस्टिक एयरलाइन होगी। इस मर्जर के बाद सिंगापुर एयरलाइंस की एयर इंडिया में हिस्सेदारी 25.1 फीसदी होगी, जो पहले विस्तारा में टाटा ग्रुप की साझीदार थी। मर्जर से एयर इंडिया का फ्लीट 144 से बढ़कर 214 विमानों का हो जाएगा। टाटा ग्रुप की लो कॉस्ट कैरियर एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास भी 90 विमान है। एयर इंडिया ने 470 विमानों का ऑर्डर भी दिया है।