सुपर नटवरलाल धनीराम मित्तल का 85 साल की उम्र में निधन
- कार चोरी से शुरू हुआ आपराधिक इतिहास
- फर्जी जज बनकर विचाराधीन कैदियों को दे दी जमानत
- 90 से अधिक मामलों में जेल भेजा गया था धनीराम
कहते हैं कि नाम ही काफी है, तो धनी राम मित्तल का नाम भी जरूर सुना होगा। सुपर नटवरलाल धनीराम मित्तल की मौत हो गयी है। वह 85 वर्ष का था। धनीराम कितना मास्टर माइंड था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कार चोर से वह स्टेशन मास्टर और फिर फर्जी जज बनाकर विचाराधीन कैदियों को जमानत दे दी। वह 90 से अधिक मामलों में जेल भेजा गया था।
पुलिस के मुताबिक चोरी के साथ अदाकारी का हुनर रखने वाले धनी राम मित्तल की मौत हो गयी। 85 वर्ष की आयु में यह मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई है।हरियाणा चंडीगढ़ पंजाब और राजस्थान में 150 से अधिक चोरी के मामलों में नामित मित्तल को 90 से अधिक बार सलाखों के पीछे भेजा गया था।
पुलिस रेकार्ड के मुताबिक धोखाधड़ी और जालसाजी के एक हजार से अधिक मामलों में वह सीधे तौर पर शामिल था। 1964 में सबसे पहले धोखाधड़ी के एक मामले में उसका नाम सामने आया था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक बार उसने हरियाणा के झज्जर कोर्ट की पार्किंग से कार चुराई थी। उसने झज्जर कोर्ट में कुछ दिन जज बनकर लंबी सजा काट रहे अपराधियों को रिहा करने का आदेश पारित कर दिया था। मित्तल ने रोहतक से प्रथम श्रेणी में बीएससी किया था और बाद में राजस्थान से एलएलबी किया।
बता दें कि एलएलबी के बाद उसने अधिवक्ताओं के यहां मुंशी का काम किया। इसके बाद फर्जी दस्तावेज बनाए और स्टेशन मास्टर की नौकरी हासिल की और 1968 से 1974 तक काम किया। वर्ष 2016 में 77 साल की उम्र में उसे रानी बाग में एक कार चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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