चार धाम के नाम पर मंदिर या धाम बनाने पर होगी कड़ी कार्रवाई-धामी सरकार का फैसला
नई दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर बनाने को लेकर उठे विवाद के बीच धामी कैबिनेट ने बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने का फैसला किया है। यदि कोई व्यक्ति इन प्रसिद्ध और पवित्र धामों से मिलते-जुलते नामों को लेकर मंदिर या धाम बनाएगा तो सरकार कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी। कैबिनेट ने धर्मस्व विभाग को जल्द एक प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज प्रदेश मंत्रिमंडल की राज्य सचिवालय में संपन्न हुई बैठक में रखे प्रस्ताव के तहत कहा गया कि कतिपय व्यक्तियों व संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड राज्य में स्थित चारधाम के नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट अथवा समिति बनाई जा रही है। ऐसी गतिविधियों से लोगों में असमंजस की स्थिति पैदा होती है। स्थानीय स्तर पर आक्रोश की भी आशंका रहती है। कैबिनेट ने चारों धामों में स्थित मंदिरों के नामों का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़े कानूनी प्रावधान करने का फैसला लिया है। वहीं, सचिव मंत्रिपरिषद शैलेष बगोली ने बताया कि बैठक में 24 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
इसके अलावा कैबिनेट ने जवाहर लाल नेहरू विवि की तर्ज पर उत्तराखंड के किसी एक विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें हिंदू संस्कृति, परंपरा और पुरातन ज्ञान का अध्ययन कराया जाएगा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल छोड़कर प्रदेश के प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों में यूजर चार्ज की दरें एक समान कर दी गई हैं। इन सभी अस्पतालों में ओपीडी व आईपीडी पर्चे की दरें कम कर दी गई हैं, जबकि सरकारी एंबुलेंस की दरें भी घटा दी गई हैं। एडमिशन चार्ज, प्राइवेट वार्ड व एसी वार्ड की दरों में भी कमी की गई है। निचले अस्पताल से हायर सेंटर रेफर करने पर केवल एक बार रजिस्ट्रेशन चार्ज वसूला जाएगा। अस्पताल बदलने पर दोबारा पर्चा बनवाने की जरूरत नहीं होगी। अस्पतालों में मरीज की मृत्यु पर शव को एंबुलेंस से निशुल्क घर तक छोड़ा जाएगा।