बिहार के सारण जिले के छपरा में जहरीली शराब से अब तक 53 लोगों की मौत
- बिहार में ज़हरीली शराब से अबतक 53 लोगों की मौत
- छपरा के बहरौली गांव में 11 लोगों की मौत
- मामले में अब तक 126 शराब व्यापारी गिरफ्तार
बिहार के सारण जिले के छपरा में जहरीली शराब से अब तक 53 लोगों की मौत होने के बाद कई लोग अभी भी अस्पतालों में मौत से जंग लड़ रहे हैं। कई गांव में मातम का आलम है। छपरा के बहरौली गांव में तो जहरीली शराब पीने से एक साथ 11 लोगों की मौत हो गई है। जिसके चलते पुलिस पूरे सारण जिले में छापेमारी कर रही है। बता दें अब तक शराब के कारोबार से जुड़े 126 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के साथ चार हजार लीटर से अधिक अवैध शराब भी जब्त की गई है। वहीं इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है।
दरअसल, बिहार के सारण में इसुआपुर और मशरक थाना क्षेत्र में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से लोगो की मौत हो रही है। अब तक 53 लोगों की मौत हो गई। वहीं मृतकों के परिजनों का कहना है कि मौत शराब पीने से हुई। लेकिन शासन द्वारा इसकी जांच की जा रही है एक तरफ जहां मामले की जांच के लिए 31 पुलिसकर्मियों की एसआईटी का गठन कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर मामले में मशरक पुलिस स्टेशन के SHO और एक स्थानीय चौकीदार को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा मरहौरा के सब डिवीजनल पुलिस अफसर के ट्रांसफर की सिफारिश भी की गई है। उनके खिलाफ विभागीय जांच की मांग की गई है। इसमें डीएम और एसपी ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि जिन्हें इस बारे में जो कुछ भी जानकारी है, वे लोग बिना डर के आगे आएं और पुलिस को जानकारी दें।
जहरीली शराब पीने से मरने वाले लोगों में इसुआपुर और मशरक थाने के कई गांव के लोग हैं। बहरौली में मारने वालों की संख्या सबसे अधिक है। यहां जहरीली शराब से अब तक यहां 11 लोगों की मौत हो गई है। गांव में ये मंजर है कि हर तरफ सिर्फ चीख पुकार मची है, कई घरों में मातम छाया है। किसी ने अपना बेटा खोया और न जाने कितने बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। बहरौली का रहने वाला रूपेश गुजरात के सूरत में काम करता था। बीते कुछ दिनों पहले ही गांव आया था। उसकी दो छोटी बेटियां और एक 11 महीने का बेटा है। रूपेश की मौत से परिवार वाले बुरी तरीके से टूट गए है और घर पर मातम पसरा है। रूपेश के परिजनों के मुताबिक मंगलवार शाम रुपेश और गांव के कई और लोग मसरख से शराब पीकर वापस आए थे। जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। और बाद में मौत हो गई।
बैकफुट पर नीतीश सरकार
बिहार में 2016 में नीतीश सरकार ने शराब की बिक्री और सेवन पर बैन लगा दिया था। अब शराबंदी के बाद जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर नीतीश कुमार सरकार बैकफुट पर है। बीजेपी सरकार सड़क से लेकर विधानसभा और संसद तक इस मामले में नीतीश सरकार पर निशाना साध रही है।दूसरी ओर पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पुलिस अभी तक ये नहीं बता पाई है कि इस मामले में मुख्य आरोपी कौन है ? और जिन 126 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, क्या उनमें से किसी का जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में कोई संबंध भी है या नहीं। वहीं पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूरे सारण जिले में छापेमारी हो रही है। अब तक 126 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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