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दरोगा से मारपीट के मामले में संगीत सोम साक्ष्य न मिलने पर बरी
दरोगा से मारपीट के मामले में संगीत सोम साक्ष्य न मिलने पर बरी
मेरठ आस-पास

दरोगा से मारपीट के मामले में संगीत सोम साक्ष्य न मिलने पर बरी

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  • सोलह साल पुराने मामले में आज आया फैसला
  • मुजफ्फरनगर में चुनाव के दौरान हुई थी घटना
  • जाम लगाने के दौरान हुई थी हाथापाई
  • बतौर सपा प्रत्याशी चुनाव लड़ा था संगीत सोम ने

सोलह साल पुराने मामले में मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम को बरी कर दिया। ऐसा मुकदमे में साक्ष्य के अभाव में किया गया। अलत्ता उनके तीन निजी सुरक्षा गार्डों को दोषी पाते हुे दो दो साल की सजा सुनाई गई। तीनों गार्ड को बीस बीस हजार के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया गया।

दरअसल,  ठाकुर संगीत सोम ने 2009 में मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र से बतौर सपा प्रत्याशी चुनाव लड़ा था। 17 मार्च 2009 को टीएसआई हरमीत सिंह ने संगीत सोम और उनके तीन निजी सुरक्षा गार्डों पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 17 मार्च को मालवीय चौक पर संगीत सोम ने अपने काफिले के साथ जाम लगा दिया था। उनके समर्थकों के पास वायरलेस सेट थे और वे लोग हथियार लिए हुए थे। जाम लगाने से मना किया गया तो उन्होंने टीएसआई के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की । इस मामले में संगीत सोम के तत्कालीन निजी सुरक्षा गार्ड वीरेंद्र सिंह, जयपाल सिंह और कमोद सिंह को हथियारों सहित गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि संगीत सोम मौके से भाग गए थे।

 मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिविजन मयंक जायसवाल की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई। यहां कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व विधायक संगीत सोम को बरी कर दिया। कोर्ट ने वीरेंद्र सिंह, जयपाल सिंह और कमोद सिंह को आईपीसी की धारा 332, 353 और 341 में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा और 7 CLA एक्ट में डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों पर 7500-7500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। बाद में निजी मुचलके पर तीनों को जमानत दे दी गई।

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