मेरठ से रोते हुए भागे साधु संत, बस में भर शहर से बाहर छोड़ा
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बाबा मनोहर नाथ मंदिर का विवाद गहराया
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ट्रस्ट संरक्षक की गिरफ्तारी का विरोध करने आये थे साधु
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सोमवार को जुलूस निकालकर डीएम को देना था ज्ञापन
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जुलूस से पहले ही पुलिस ने मंदिर घेरा, दबाव बनाया
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पुलिस दबाव के आगे बेबस हुईं महिला साधु
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सभी को उनकी ही बस में भरकर शहर से बाहर छोड़ा
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योगी सरकार में साधुओं से ऐसा व्यवहार- नीलिमानंद महामंडलेश्वर
हवन कुंड तोड़ने व बाबा मनोहर नाथ मंदिर ट्रस्ट के संरक्षक रमण गिरी की गिरफ्तारी का विरोध करने पहुंचे करीब सौ साधु संतों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इन सभी को उन्हीं की बसों में जबरन भर कर शहर की सीमा से बाहर छोड़ दिया गया। मंदिर में ये साधु बीती रात से इकट्ठा होना शुरू हो गये थे। आज एक जनवरी को हुई घटना के विरोध में इन साधुओं को बाबा मनोहर नाथ मंदिर से डीएम ऑफिस तक जुलूस निकाल कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपना था। जुलूस से इनकार करते हुए जिला प्रशासन ने मंदिर में ही साधुओं का ज्ञापन लेने का आश्वासन दे दिया था। ज्ञापन दिया जाता इससे पूर्व ही भारी संख्या में धड़धड़ाते हुए पहुंची पुलिस ने साधु संतों को परिसर खाली करने के लिये बाध्य कर दिया। पुलिस का भारी दबाव देखते ही वहां साधु संतों को अपने कंबल उठाकर बाहर भागते हुए देखा गया। बाहर खड़ी इन लोगों की बसों में सभी को बैठा कर आगे रवाना कर दिया गया। वहां मौजूद ट्रस्ट के अधिवक्ता रूप चंद शर्मा व अन्य लोगों ने इस पुलिस व प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध किया। इन लोगों का कहना है कि जिला न्यायालय, उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय के खिलाफ जाते हुए एसीएम सिविल लाइन ने ट्रस्ट के खिलाफ फैसला दे दिया। रोती हुई गुरु मां नीलिमानंद महाराज को साधु महिलाएं यह दिलासा भी देते हुए कैमरे में कैद हुई कि प्रदेश में योगी की सरकार है, उनकी आवाज सभी संत योगी तक पहुंचाएंगे, न्याय अवश्य होगा।
देखिये सोमवार को सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहरनाथ मंदिर के हालात।
(विस्तार से देखिये 👇)