पीएफआई की तुलना करके विवाद में फंसे पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने स्पष्ट कहा है कि उनके कथन को तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने वही कहा जो पकड़े गये पीएफआई सदस्यों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया था। इन लोगों ने बताया था कि ये वैसी ही ट्रेनिक देते आ रहे थे जैसी आरएसएस की शाखा में दी जाती है। इसमें उन्होंने कुछ नहीं कहा। बता दें कि उनके तुलना संबंधी बयान के बाद भाजपा एसएसपी ढिल्लों के पीछे पड़ गयी है।
दरअसल, गुरुवार को मीडिया से वार्ता के दौरान पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा की तरह युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता था। “मदरसे से यह लोगों को मोबिलाइज करते थे और कट्टरता की ओर मोड़ रहे थे। इसका मोड वैसे ही था जैसे शाखा की होती है। आरएसएस की शाखा ऑर्गेनाइज की जाती है और लाठी की ट्रेनिंग होती है, वैसे ही ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने प्रोपेगेंडा के माध्यम से ब्रेनवाश कर रहे थे.”
इस बयान के बाद भाजपा एकजुट हो गई थी। सुशील कुमार मोदी, मंत्री सम्राट चौधरी समेत कई बड़े नेताओं ने कहा था कि एसएसपी को माफी मांगनी चाहिए। वहीं कुछ नेता सस्पेंड करने की मांग करने लगे थे। अब एसएसपी ने इस पूरे मामले पर अपना बयान दिया है कि उनके दिए गए बयान का आखिर क्या मतलब था और उन्होंने क्यों कहा था।
बता दें कि राजधानी पटना में पुलिस ने पीएफआई के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था। गुरुवार को पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी।
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