गलत तरीके से प्रमोशन पाने पर डीएसपी लक्ष्मी सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
- गाजियाबाद में 72 लाख का गबन करने का लग चुका है आरोप
- पुलिस ने गायब कर दी थी यह धनराशि
- गलत तथ्य बता कर प्रमोशन पाने का लगा आरोप
- आगरा में तैनात है वर्तमान में लक्ष्मी सिंह
- सीबीसीआईडी जांच में हुआ धांधली का खुलासा
गाजियाबाद में 72 लाख रुपये के गबन करने के आरोप के चलते चर्चा में आई डीएसपी लक्ष्मी सिंह के खिलाफ अब लखनऊ में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। सुशांत सिटी थाने में दर्ज मुकदमे में लक्ष्मी सिंह पर झूठा सर्टिफिकेट लगाकर इंस्पेक्टर से डीएसपी पद पर प्रमोशन पाने का आरोप लगाया गया है। सीबीसीआईडी जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि लक्ष्मी सिंह ने कोर्ट आर्डर के कई तथ्य छुपा कर यह प्रमोशन पाया है।
वर्तमान में लक्ष्मी सिंह आगरा के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (कॉपरेटिव) में तैनात हैं। लक्ष्मी के खिलाफ यह रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय स्थित अपराध अनुसंधान विभाग में तैनात सब इंस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा कराई गई है। इसके मुताबिक लक्ष्मी सिंह ने इंस्पेक्टर से डिप्टी एसपी पद पर प्रमोशन के लिए 8 जून 2023 और 14 जून 2023 को कुछ शपथ पत्र दाखिल किए थे। जिसके बाद लक्ष्मी सिंह चौहान को DSP पद पर प्रमोशन मिल गया। बाद में जब डॉक्यूमेंट्स की जांच हुई तो तथ्य गलत पाए गए। पता चला कि लक्ष्मी सिंह ने कोर्ट के आदेश को तोड़-मरोड़कर शासन में पेश किया और कई अन्य तथ्य भी छिपाये हैं।
बता दें कि पूर्व में लक्ष्मी चौहान पर साल-2019 में गाजियाबाद में बतौर इंस्पेक्टर तैनात रहते हुए 72 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा था। दरअसल, यहां उस वक्त एटीएम में कैश लोड करने वाले कस्टोडियन एजेंट राजीव सचान के खिलाफ गबन की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। बाद में पुलिस ने राजीव सचान को उसके साथी आमिर संग गिरफ्तार कर मोटा कैश बरामद कर लिया था। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने सिर्फ 45 लाख 81 हजार 500 रुपए बरामद दिखाए और नोटों से भरा दूसरा बैग गायब कर दिया।
यह मामला खासा सुर्खी में आने पर इसकी जांच पड़ताल की गई। जिस आधार पर इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान, दरोगा नवीन कुमार, सिपाही बच्चू सिंह, फराज खान, धीरज भारद्वाज, सौरभ शर्मा और सचिन कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में 25 सितंबर 2019 को गाजियाबाद के लिंक रोड थाने में केस दर्ज किया गया था। इन सभी पुलिसकर्मियों पर साढ़े 72 लाख रुपए गायब करने का आरोप था। हालांकि 4 सितंबर 2021 को मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट ने लक्ष्मी सिंह सहित कई पुलिसकर्मियों को भ्रष्टाचार के आरोप से यह कहते हुए बरी कर दिया था कि ये पैसों के गबन का मामला है। इसलिए गाजियाबाद कोर्ट गबन का मुकदमा चलाने के बारे में विचार करे। लक्ष्मी सिंह चौहान मूलत: कासगंज जिले की रहने वाली हैं। फिलहाल आगरा की एसआईबी (कॉपरेटिव) में बतौर डीएसपी तैनात हैं।
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