किसानों का आज दिल्ली कूच, रोकने के लिये पुलिस ने झोंकी ताकत
- दिल्ली बार्डर पर किसानों को रोकने की व्यापक तैयारी
- किसान व फोर्स दोनों आये आमने सामने
- गाजीपुर, संभू,टिकरी समेत सभी बार्डर छावनी में तब्दील
- सीमेंट से बाउंड्री बनाकर किसानों को रोकने की तैयारी
- एमएसपी समेत अन्य मांगे दो साल बाद भी पूरी नहीं
सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून व डा.स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसल की कीमत तय हो समेत कई मांगों को लेकर किसान आज दिल्ली कूच कर रहे हैं। दिल्ली जाने वाले सभी बार्डर को सील कर दिया गया है। किसान दिल्ली के भीतर न घुस सकें इसके लिये व्यापक प्रबंध किये गये हैं। ये इंतजाम ऐसे किये गये हैं जो देश की सीमा पर की गई बैरीकेडिंग को भी पीछे छोड़ दे। इससे पूर्व 12 फरवरी को चंडीगढ़ में साढ़े पांच घंटे चली किसानों व केंद्रीय मंत्रियों के बीच की वार्ता बेनतीजा रही। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून व कर्ज माफी की अपनी मांग पर डटे रहे। सहमति न बनने पर किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया।
दिल्ली कूच होकर रहेगा। गाजीपुर, सिंघु, संभू, टिकरी समेत सभी बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं, पुलिस ने भी साफ कर दिया है कि, किसानों की आड़ में उपद्रवियों ने अगर कानून व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
किसानों के आज के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली की सभी ट्रैफिक व्यवस्था चरमराने की स्थिति में पहुंच गयी है। भारी ट्रैफिक सुबह से ही सभी प्रमुख मार्गों पर नजर आ रहा है। सभी ओर वाहन रेंग रेंग कर चलते नजर आ रहे हैं।
#WATCH | Heavy traffic snarl witnessed at Delhi-Noida Chilla border ahead of farmers' 'Delhi Chalo' march today. pic.twitter.com/PryL0CD0Dl
— ANI (@ANI) February 13, 2024
उध, किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने किसानों को पंजाब-हरियाणा की शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर इकट्ठा होने के लिए कहा है। पंधेर का सीधा आरोप है कि सरकार किसानों की मांगों को लेकर कतई गंभीर नहीं है। सरकार के मन में खोट है। वह सिर्फ टाइम पास करना चाहती है। हम सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे, लेकिन आंदोलन पर कायम हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत के जरिए सब बातों का हल निकलना चाहिए। कुछ ऐसे मामले हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए कमेटी बनाने की जरूरत है।
किसान संगठनों की मुख्य मांगें
किसानों के आज के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के बॉर्डर सील हैं। दिल्ली में कड़ी बैरिकेडिंग की गई है। एक माह के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है।
इस बीच, सोशल मीडिया पर अफवाह रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है। इनमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, हिसार, कैथल, जींद, फतेहाबाद, डबवाली समेत सिरसा शामिल हैं। इन जिलों में 13 फरवरी की रात 11.59 बजे तक डोंगल, बल्क SMS और इंटरनेट पर रोक है।
#WATCH | Vajra vehicles, barricades amid heavy security at Tikri Border in view of the march declared by farmers towards the national capital today. pic.twitter.com/4ZI3RwdRg8
— ANI (@ANI) February 13, 2024
किसानों के अभूतपूर्व आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार ने बीएसफ और सीआईएसएफ जवानों की 64 कंपनियां हरियाणा भेजी हैं। बॉर्डर पर करीब 70 हजार जवान तैनात हैं। स्थानीय पुलिस के साथ ड्रोन और CCTV कैमरों से नजर रखी जा रही है।
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