छह माह में भी याकूब का सुराग नहीं लगा पाई पुलिस, आज दोबारा लिये गये मीट के नमूने
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छह माह में भी याकूब का सुराग नहीं लगा पाई पुलिस, आज दोबारा लिये गये मीट के नमूने

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  • छह माह बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं
  • एक अप्रैल को सील फैक्ट्री मिली थी चलती हुई
  • पांच करोड़ का मीट बरामद हुआ था बंद फैक्ट्री से
  • याकूब की पत्नी को मिली जमानत
  • फाइल की मोटाई बढ़ा कर पुलिस हुई सुस्त

पुलिस के हाथ भले ही कितने लंबे हों लेकिन वे बसपा के पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी व उसके बेटों तक नहीं पहुंच पाये हैं। ऐसा क्यों हैं इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस बीच, कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार की दोपहर खाद्य विभाग की टीम ने पुलिस व प्रशानिक प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मीट के दोबारा से नमूने लिये। याकूब कुरैशी पक्ष ने कोर्ट ने एक बार फिर से नमूने लेने की गुहार लगाई थी। ये नमूने आज प्रयोगशाला को भेजे जा रहे हैं।

दरअसल,  बीते एक अप्रैल को पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के भारी दल बल व तमाम विभागों को लेकर हापुड़ रोड अल्लीपुर स्थित याकूब कुरैशी की फैक्ट्री पर छापा मारा था। यह फैक्ट्री मेरठ विकास प्राधिकरण ने सील कर रखी है बावजूद इसके वहां धडल्ले से मीट की पैकेजिंग की जा रही थी। अनुमान लगाया गया तो पता चला कि उस वक्त पांच करोड़ रुपये मूल्य का मीट मौजूद था। पुलिस ने इस मामले में याकूब कुरैशी, उसके पुत्र इमरान व फिरोज, पत्नी संजीदा बेगम समेत 15 लोगों को नामजद करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एक वक्त ऐसा था जब लगा कि पुलिस किसी भी कीमत पर हाजी याकूब एंड संस को गिरफ्तार करके ही मानेगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

अलबत्ता इतना जरूर हुआ कि इस मामले से जुड़ी फाइलों की मोटाई लगातार बढ़ती रही। पुलिस दस फैक्ट्री से जुड़े दस लोगों को गिरफ्तार कर लिया लेकिन याकूब परिवार पर वह हाथ नहीं डाल पायी।  अलबत्ता इतना जरूर हुआ कि हाजी याकूब की पत्नी संजीदा बेगम की जमानत हो गयी, बावजूद इसके याकूब , इमरान व फिरोज का कई माह बाद भी पुलिस सुराग तक नहीं लगा पाई।  इस बीच, याकूब पक्ष ने पुनःनमूने लेने की याचिका दायर कर दी। कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को खाद्य विभाग की टीम ने पुलिस प्रशासनिक प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अल फहीम मीट फैक्ट्री पहुंचकर नमूने लिए हैं। जो सील करके प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं।

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