नई दिल्ली। अंतरार्ष्ट्रीय करेंसी बाजार में रूपये को लगातार झटके पर झटके मिल रहे हैं। बुधवार को एक बार फिर से ऐतिहासिक गिरावट के साथ एक डॅालर 83 रुपये के बराबर हो गया। डाॅलर की मजबूती व रूपये के कमजोर होते इस रूख ने सरकार की कार्यप्रणाली को विपक्ष ने कटघरे में खड़ा कर दिया है। बुधवार को करेंसी बाजार के बंद होने पर रुपया 66 पैसे यानि 0.8 फीसदी की गिरावट के साथ पहली बार 83.02 रुपये पर बंद हुआ है।
अमेरिका के बॉन्ड रेट में बढ़ोतरी के बाद रुपये में ये गिरावट देखने को मिली है। डॉलर में आई मजबूती ने रुपये को गिराने का काम किया है। भारत सरकार के 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड बढ़कर 7.4510 फीसदी पर जा पहुंचा है। 82.40 रुपये पर आरबीआई ने दखल देकर रुपये को गिरने से संभालने की कोशिश की थी। हालांकि माना जा रहा है कि आरबीआई ने दखल नहीं दिया तो रुपये में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता।