कोलकाता कांड के विरोध में मेरठ में भी चिकित्सकों ने रखी भूख हड़ताल
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कोलकाता कांड के विरोध में मेरठ में भी चिकित्सकों ने रखी भूख हड़ताल

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कोलकत्ता में महिला चिकित्सक संग हुए बलात्कार व हत्या के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे मेडिकल कॉलेज कोलकत्ता के चिकित्सकों के समर्थन मे नेशनल आई एम ए द्वारा जूनियर डॉक्टर नेटवर्क और मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को एक दिवसीय देशव्यापी भूख हड़ताल का आह्वान किया गया।

मेरठ में भी आज आई एम ए मेरठ व एल एल आर एम मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर नेटवर्क और मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क संयुक्त रूप से मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित लाला लाजपत राय की प्रतिमा के सामने प्रातः 6 बजे से साँय 6 बजे तक एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहे।


भूख हडताल पर मुख्यत डा अनुपम सिरोही, डा. एम के बंसल, डा. अमित रस्तोगी, डा. मन्जुला लखनपाल, डा. एस के सूरी, डा. आर के ऐरन, डा. आलोक अग्रवाल, डा. के ए खान, डा. अमित उपाध्याय, डा. मनिषा त्यागी, डा.स्वेता गर्ग,डा. ऋषि भाटिया, डा. विकास गुप्ता, डा. शान्ति स्वारूप, डा. सुमित उपाध्याय, डा.नीलिमा अग्रवाल, ज्ञनेश्वर टोंक, डा. आर सी गुप्ता, डा. अन्शु टंडन, डा. जेवी चिकारा, डा. मेधावी तोमर, डा. अमित त्यागी, डा. राजकुमार बजाज, डा. आशु मित्तल आदि शामिल हुए।

इस मौके पर दस सूत्रीय मांगे भी रखी गयी। बाद में मीडिया से वार्ता करते हुए इन चिकित्सकों ने कहा कि उचित जांच के माध्यम से शीघ्र और पारदर्शी तरीके से न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय को स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्वास्थ्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटाया जाना चाहिए। राज्य के सभी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में तत्काल सेंट्रल रेफरल सिस्टम लागू किया जाये।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को एक डिजिटल बिस्तर रिक्ति मॉनिटर स्थापित करना होगा। जितनी जल्दी हो सके, सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों के निर्वाचित प्रतिनिधित्व के साथ कॉलेज-बेस टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें आवश्यकतानुसार सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम, बाथरूम, हेल्पलाइन नंबर और पैनिक बटन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।


इसके अलावा अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जाए।  सिविक वालंटियर्स की बजाय स्थायी पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तुरंत भरा जाए। धमकी देने वालों को दंडित करने के लिए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में जांच समितियां स्थापित की जानी चाहिए।

चिकित्सकों ने मांग रखी कि  हर मेडिकल कॉलेज में तुरंत छात्र संघ चुनाव कराए जाएं। सभी कॉलेजों को आरडीए (रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) को मान्यता देनी चाहिए। कॉलेजों/अस्पतालों की सभी निर्णय लेने वाली समितियों में छात्र और जूनियर डॉक्टरों का निर्वाचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए। WBMC (पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल) और WBHRB (पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड) के भीतर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के व्यापक आरोपों के संबंध में त्वरित जांच प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।

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