अफसर वीडियो बनाते रहे, बांके बिहारी मंदिर में दो की चली गयी जान
- वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी पर उमड़ी भीड़
- भीड़ के कारण दो श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौत
- पोस्टमार्टम कराये बिना परिजन शव ले गये
- हादसे में मरने वालों में एक वृद्धा व वृद्ध शामिल
- वृद्धा निर्मला देवी वृंदावन की रहने वाली हैं
- वृद्ध राम प्रसाद जबलपुर से आये थे दर्शन करने
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी पर्व पर लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे थे. मध्य रात्रि मंदिर परिसर में मंगला आरती होने के दौरान अधिक भीड़ होने की वजह से दो श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौत हो गई जबकि चार लोग घायल हो गए। परिजन बिना पोस्टमार्टम कराये शव अपने साथ ले गये। इस हादसे में 99 वर्षीय महिला निर्मला देवी निवासी रुकमणी बिहार वृंदावन और 65 वर्षीय राम प्रसाद विश्वकर्मा की मौत हो गई। रामप्रसाद मूल निवासी जबलपुर मध्यप्रदेश के बताए गये हैं।
गंभीर बात यह निकलकर सामने आयी है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ मंदिर के छज्जे पर जिले के जिलाधिकारी व एसएसपी समेत कई अफसर अपने परिवार के साथ मौजूद थे। ये सभी भक्तों के उमड़े सैलाब की वीडियो बनाने में व्यस्त थे। कायदे से मंदिर के भीतर भीड़ को नियंत्रित करने के आवश्यक इंतजाम किये जाने चाहिये थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वह यह बयां करने के लिये काफी हैं कि भीड़ को नियंत्रित करने के वहां कोई इंतजाम नहीं थे जबकि पहले से यह मालूम था कि जन्माष्टमी पर स्थानीय के साथ ही बाहरी जिलों व दूरदूर से लोग दर्शन के लिये आते हैं।
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इस घटना के बाद इस बदइंतजामी के लिये किसी छोटे कर्मचारी पर अभी तक गाज गिरा दी जाती लेकिन जब मौके पर जिलाधिकारी व एसएसपी दोनों मौजूद हों तो जवाब देही किस की तय की जायेगी। कौन ऐसी बदइंतजामी के लिये जिम्मेदार हैं जिसके चलते दो वृद्धजन को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।