मेरठ बार एसोसिएशन के पदाधिकारी अधिवक्ता के आपत्तिजनक वीडियो वायरल
- वरिष्ठ अधिवक्ता को इसमें आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है
- सहायक युवती संग वरिष्ठ अधिवक्ता हुए कैमरे में कैद
- युवती ने बार एसोसिएशन से दर्ज कराई है शिकायत
- शिकायत से पहले ही युवती घर रहस्यमय ढंग से गायब
- महिला पहलवान बनाम बृजभूषण प्रकरण से भी यह गंभीर मामला
- कचहरी के वकीलों के मोबाइल में घूम रहे हैं ये वीडियो
- वीडियो बनाने वाला भी अधिवक्ता का खासा करीबी व राजदार भी
कुछ अश्लील फोटो व तीन आपत्तिजनक वायरल वीडियो ने मेरठ कचहरी में तूफान खड़ा कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिवक्ता इन वीडियो में अपने कार्यालय में रखी गयी सहायक के साथ आपत्तिजनक मुद्रा में नजर आ रहे हैं। उसकी ये हरकत कैमरे में जिस तरह से जिसने भी कैद की है उसे देख कर समझा जा सकता है कि वह वरिष्ठ अधिवक्ता का खास जानकार है और ऐसे कृत्यों का राजदार भी।
इसके साथ ही हैंड रिटिन एक शिकायती पत्र भी तेजी से वायरल हो रहा है जो मेरठ बार एसोसिएशन को संबोधित है। इसमें महिला सहायक के हवाले से कहा गया है कि अखबार में विज्ञापन पढ़ने के बाद वह अधिवक्ता के चैंबर पर नौकरी के लिये आयी थी। नौकरी पर रखे जाने के बाद उसे काम का हवाला देते हुए शिविर कार्यालय बुलाया गया। यहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ उसे पिला दिया गया। होश आने पर उसने अपने कपड़े अस्त व्यस्त पाये। शिकायत की तो अधिवक्ता ने धमकी दी कि उसने उसके अश्लील फोटो ले लिये हैं, अगर विरोध किया तो सोशल मीडिया पर इन्हें वायरल कर दिया जायेगा। इस पत्र पर प्रतिलिपि के सामने मेरठ एसएसपी, महिला थाना, उत्तर प्रदेश कौंसिल प्रयागराज, बीसीआई नई दिल्ली व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम भी लिखा है। महिला ने अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
(विस्तार से देखिये 👇 )
इस शिकायती पत्र का उल्लेखनीय पहलू यह भी है कि महिला ने अपने नाम के साथ अपने पिता का नाम तो लिखा है लेकिन अपना पता अथवा मोबाइल नंबर अंकित नहीं किया है। और इसे ही आधार बनाकर इस शिकायती पत्र पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह बात और है कि पूरे कचहरी परिसर व पुलिस तक यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके अलावा जिस व्यक्ति ..चाहे वह कोई अन्य महिला है अथवा पुरुष ये वीडियो बनायी है वह निश्चित रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता का खासा करीबी और राजदार है। ऐसा इसलिये माना जा रहा है कि कमरे में उसके आने जाने का अधिवक्ता की हरकतों पर कोई असर नहीं पड़ा है। कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं का नाम न छापने की शर्त पर यहां तक कहना है कि यह मामला महिला पहलवान बनाम बृजभूषण शरण सिंह प्रकरण से भी ज्यादा संगीन है। यदि पीड़ित महिला का पता और मोबाइल नंबर शिकायती पत्र में अंकित नहीं है तो अश्लील वीडियो व शिकायती पत्र स्वत संज्ञान लेने के लिये पर्याप्त आधार है। वह भी तब जबकि ये अश्लील वीडियो व शिकायती पत्र अधिकांश अधिवक्ताओं के मोबाइल में इधर से उधर घूम रहे हैं।