- सीबीआई ने 27 व 28 अप्रैल को पेश होने को कहा
- सत्यपाल मलिक सुविधानुसार होंगे पेश
- हाल ही में पुलवामा कांड को उठाया है मलिक ने
- पीएम मोदी ने कहा था उन्हें चुप रहने के लिये
- कांग्रेस ने कहा ऐसा तो उनके साथ होना ही था
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक सीबीआई के रडार पर आ गये हैं। सीबीआई ने उन्हें 27 व 28 अप्रैल को पेश होने के लिये कहा है। यह जानकारी स्वयं सत्यपाल मलिक ने की है जबकि सीबीआई ने फिलहाल इसकी पुष्ट नहीं की है। सत्यपाल मलिका को सीबीआई का समन ऐसे समय में मिला है जब वह पुलवामा कांड को लेकर पीएम मोदी की चुप रहने की सलाह देने के चलते चर्चा में हैं। माना जा रहा है कि संबंधों में इसी खटास के चलते उन्हें सीबीआई ने तलब किया है।
इस नये घटनाक्रम पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि आखिरकार पीएम मोदी से रहा न गया। सत्यपाल मलिक जी ने देश के सामने उनकी कलई खोल दी। अब सीबीआई ने मलिक जी को बुलाया है।
बता दें कि रिलायंस इंश्योरेंस केस को लेकर सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा बुलाया जा रहा है। दरअसल, सत्यपाल मलिक 2018 में बतौर राज्यपाल जम्मू-कश्मीर भेजे गये थे। उनके कार्यकाल में ही केंद्र ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटा दी थी। इसके बाद उन्हें मेघालय बतौर राज्यपाल भेज दिया गया था। जम्मू से हटने के बाद सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
इनमें से एक फाइल अंबानी की और दूसरी आरएसएस से जुड़े व्यक्ति की थी, जो पिछली महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का बहुत करीब होने का दावा करते थे। मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दोनों विभागों के सचिवों ने इसमें घोटाला होने की बात कही थी जिस पर उन्होंने दोनों दोनों डील्स रद्द कर दी थी। बकौल मलिक उन्हें यह भी बताया गया था कि प्रत्येक फाइल को पास करने के लिये उन्हें 150 करोड़ रुपये भी मिलेंगे। राज्यपाल मलिक ने आरएसएस और भाजपा नेता राम माधव को भी कठघरे में खड़ा किया था। इनकी भूमिका पर भी गंभीर आरोप लगाये थे।
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा किये गये इस रहस्योद्घाटन के कारण केंद्र की मोदी सरकार को खासी किरकिरी का सामना करना पड़ा था। सत्यपाल मलिक इससे पूर्व तीन कृषि कानून का विरोध करते हुए मोदी सरकार को असहज कर चुके हैं। इस पर सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर में दो प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों को लेकर केस दर्ज किया था। इसी मामले में सीबीआई ने उन्हें बुलाया है।
इससे पूर्व सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में भी उनसे पूछताछ की थी। सत्यपाल मलिक को ये समन ऐसे समय पर भेजा गया जब उन्होंने पुलवामा में हुए हमले को सरकार की विफलता कहा है। हाल ही में दिये एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि सीआरपीएफ ने एयरक्राफ्ट की मांग की थी लेकिन नहीं दिया गया और अटैक हो गया। इतना ही नहीं बीबीसी के साथ जंगल में शूटिंग में व्यस्त पीएम मोदी ने पुलवामा कांड पर चुप रहने के लिये भी सत्यपाल मलिक से कहा था। ऐसा आरोप सत्यपाल मलिक ने इस इंटरव्यू में पीएम मोदी पर लगाया है।
आख़िरकार PM मोदी से रहा न गया।
सत्यपाल मलिक जी ने देश के सामने उनकी कलई खोल दी। अब CBI ने मलिक जी को बुलाया है।
ये तो होना ही था।
एक चीज और होगी… 'गोदी मीडिया' अब भी चुप रहेगा, लिखकर रख लीजिए।
— Congress (@INCIndia) April 21, 2023
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि सत्यपाल मलिक को सीबीआई ने बीमा घोटाले से जुड़े सवालों का जवाब देने को लेकर नोटिस जारी किया है। सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक समूह चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने में और जम्मू कश्मीर में कीरू जलविद्युत परियोजना से जुड़े 2,200 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के मलिक के आरोपों के संबंध में दो एफआईआर दर्ज की थीं।
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