हाईकोर्ट ने पूछा-सड़कों के चौड़ीकरण में कितने पेड़ काटे व लगाए गए,17 जनवरी को होगी सुनवाई ।।
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय

हाईकोर्ट ने पूछा-सड़कों के चौड़ीकरण में कितने पेड़ काटे व लगाए गए,17 जनवरी को होगी सुनवाई ।।

Dec 19, 2020
21 Views

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि प्रयागराज से दूसरे शहरों की ओर से जाने वाले मार्गों चाहे वह राष्ट्रीय राजमार्ग हो या राज्य मार्ग अथवा कोई अन्य कितने पेड़ लगाए गए हैं । प्रयागराज में आलोपी बाग से हंडिया के बीच बन रहे सिक्स लेन हाईवे और नगर निगम की सीमा में 17 अन्य मार्गों के चौड़ीकरण के दौरान बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई के खिलाफ विधि छात्रों द्वारा दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने इस याचिका को इसी मुद्दे पर पहले से दाखिल अन्य जनहित याचिकाओं के साथ सम्बद्ध कर 19 जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया है ।

अक्षय प्रकाश, अनुराधा गुप्ता आदि विधि छात्रों ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि अलोपीबाग से हंडिया के बीच बन रहे सिक्स लेन हाईवे और शहर के भीतर 17 मार्गों को चौड़ा करने के क्रम में पेड़ों को काटने से रोका जाए। कोर्ट से जिलाधिकारी और वन विभाग को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह इन पेड़ों की कटाई की अनुमति न दें। जहां बड़े पेड़ सड़क चौड़ीकरण में बाधा बन रहे हैं वहां उनको काटने के बजाए आधुनिक तकनीक से दूसरे स्थान पर पुनस्थार्पित किया जाए। यह भी मांग की गई कि सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर काटे गए पेड़ों और लगाए गए पेड़ो का ब्यौरा तलब किया जाए । प्रदेश सरकार के अधिवक्ता का कहना था कि इसी मुद्दे को लेकर पहले से कई जनहित याचिकाएं लंबित हैं। उन पर कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं। नियमित रिपोर्ट कोर्ट को दी जा रही है। इस याचिका को भी उन्हीं याचिकाओं के साथ संबद्ध कर सुनवाई की जाए। कोर्ट का कहना था कि पेड़ों की कटाई के मामले में सुप्रीमकोर्ट द्वारा टीएन गोडावर्मन केस में दी गई गाइडलाइन का पालन किया जाए। गाइड लाइन यह है कि जितने पेड़ काटे जाएं उसके दो गुने लगाए जाएं। पर्यावरण संतुलन के लिए सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन आवश्यक है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कई राज्यों में इन निर्देशों का पालन कर रहा है। अगली सुनवाई पर पहले से विकसित की जा चुकी सड़कों पर लगाए गए पेड़-पौधों की जानकारी देने का निर्देश दिया है ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *