मन और प्राण हमेशा रायबरेली के पास ही रहेंगे-सोनिया गांधी
राजस्थान से राज्यसभा के लिये नामांकन भरने के साथ ही सोनिया गांधी ने रायबरेली को हमेशा के लिये अलविदा कह दिया। 2004 से रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ती आ रही सोनिया गांधी ने जिलावासियों को एक मार्मिक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि अब वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, लेकिन उनके मन और प्राण हमेशा रायबरेली के पास ही रहेंगे।
सोनिया गांधी के पत्र को यहां हू ब हू लिखा जा रहा है।
नमस्कार,
मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर आप लोगों में मिलकर पूरा होता है। यह नेह नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है। रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फिरोज गांधी जी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी को आपने अपना बना लिया।
तब से अब तक, यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई। इसी रौशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिये खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिये फैला दिया। पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह कभी भूल नहीं सकती। यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूँ, आपकी बदौलत हूँ और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है।
उन्होंने आगे लिखा कि अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं रायबरेली से अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं।
सोनिया गांधी के इस मार्मिक पत्र के बाद माना जा रहा है कि सोनिया गांधी की जगह अब प्रियंका गांधी को रायबरेली की कमान दी जा सकती है। यहा से प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव लडाया जा सकता है। दरअसल, रायबरेली सीट कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। 1952 के पहले लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस यहां सिर्फ तीन बार हारी है। यह सीट गांधी परिवार की विरासत वाली रही है। फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी, अरुण नेहरू, शीला कौल जैसे लोग इस सीट से सांसद रहे हैं। ये चेहरे गांधी परिवार के ही सदस्य थे या फिर उनके रिश्तेदार रहे। जैसे फिरोज गांधी पंडित जवाहर लाल नेहरू के दामाद थे और शीला कौल उनकी पत्नी कमला नेहरू के भाई की पत्नी थीं।
उधर, डा. मनमोहन सिंह की खाली हो रही राज्यसभा सीट के लिये बुधवार को सोनिया गांधी ने राजस्थान से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। यह पहली बार है जब गांधी परिवार का कोई सदस्य राज्यसभा या लोकसभा के लिए राजस्थान से निर्वाचित होने जा रहा हो।
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