ढाबों व फड़ पर नाम लिखने के आदेश के बाद सियासत गर्माई
- ढाबों व फड़ पर नाम लिखने के आदेश के बाद भ्रम से भ्रम तक का सफर शुरू
- कावंड़ यात्रा सकुशल संपन्न कराने की मंशा-मुजफ्फरनगर पुलिस
- ढाबों व फड़ पर नाम लिखने के दिये गये निर्देश
- विपक्ष के साथ ही भाजपा नेताओं ने भी की मुखाल्फत
- किसी ने पुलिस को हिलटर की संज्ञा दी तो किसी ने कुछ और
- योगी सरकार में पुलिस का नजरिया काफी हद तक बदला
- पहले तमाम प्रतिबंधों के बीच होती थी कांवड़ यात्रा
- अब योगी व उनके नौकरशाह हेलीकाप्टर से करते हैं पुष्प वर्षा
कांवड़ यात्रा के दौरान छोटी सी बात का बतंगड़ बनते देर नहीं लगती। इसके चलते कोई भ्रम की स्थिति न बने और फिर विवाद, इससे बचने के लिये मुजफ्फरनगर पुलिस ने जो आदेश जारी किया है उसने न सिर्फ प्रदेश की राजनीति बल्कि बाहरी राज्यों के राजनीतिज्ञों को भी कलम चलाने का मौका दे दे दिया है। सियासत के इस दौर में भाजपा सरकार को गैर भाजपाई दलों के अलावा अपने ही नेताओं के निशाने पर ला खड़ा किया है। गीतकार जावेद अख्तर, व हिंदू मुस्लिम के हर मसले में अपने अलहदा विचार रखने वाले असदुद्दीन ओवैसी के साथ ही अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी लंबा चौड़ा मैसेज दे दिया है। कुछ इस तरह की वह इस आदेश से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है। हरिद्वार से शुरू होने वाली यह कांवड़ यात्रा रूड़की, मुजफ्फरनगर, मेरठ से होते हुए न सिर्फ यूपी के कई जिलों बल्कि पड़ोसी दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों तक जाती है। इन इलाकों के कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लाकर अपने शिवालयों पर इसे अर्पित करते हैं। विशेष बात यह भी है कि कांवड़ यात्रा को लेकर भाजपा सरकार से पहले यूपी पुलिस का जो रूख रहता आया है वह योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद पूर्णत बदल गया है। पूर्व में जहां तमाम प्रतिबंधों का पुलिसिया डंडा कावंड़ियों पर चलता था वहीं अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा प्रदेश के डीजीपी व मुख्य सचिव को भी हेलीकाप्टर से इन कावंडियों पर पुष्प वर्षा करते हैं।
ऐसे में मुजफ्फरनगर पुलिस ने 15 जुलाई को एक पत्र जारी कर कांवड़ रास्ते की दुकानों व फड़ लगाने वालों को अपना नाम आदि लिख कर टांगने के आदेश दिये हैं। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है ऐसा इसलिये किया जा रहा है ताकि कांवड़ियों में
किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न हो कि वह किस दुकान से क्या ले रहे हैं। कई बार रेट लिस्ट, वेज अथवा नॅान वेज को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न होती रही है। इस आदेश के बाद राजनीति शुरू हो गई है। यहां यह उल्लेख करना भी जरूरी हो जाता है कि कावड़ यात्रा के दौरान पड़ने वाले मार्ग में कई ऐसे होटल या रेस्ट्रा हैं जो मुस्लिम संचालन कर रहे हैं लेकिन बोर्ड पर नाम हिंदू धर्म पर आधारित है। मुजफ्फरनगर पुलिस का मानना है कि इसी भ्रम और भ्रम के बाद उत्पन्न विवाद को कंट्रोल करने के लिये ही यह आदेश जारी किया गया है।
यह बात और है कि ओवैसी ने मुजफ्फरनगर पुलिस की तुलना हिटलर से करते हुए एक्स पर लिखा है।
“मैकडोनाल्ड्स, KFC, पिज्जा हट, CCD पर यह आदेश लागू नही होता?”: @asadowaisi
"यह मुसलमानों का बहिष्कार है। यूपी सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है। जब से यह आदेश दिया है, मुजफ्फरनगर के ढाबों से मुस्लिम कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। क्या सरकार सिर्फ एक समुदाय के लिए काम करेगी?"… pic.twitter.com/5SACnIre3L
— Muslim Spaces (@MuslimSpaces) July 18, 2024
इसके कुछ समय बाद उन्होंने यह दूसरा पोस्ट किया है
मैंने यूपी पुलिस के असंवैधानिक आदेश का विरोध किया था। इस आदेश के अनुसार दुकानदारों को दुकानों पर अपना नाम लिखना होगा ताकि कोई कांवरिया ग़लती से मुसलमान की दुकान या ठेले से कुछ ख़रीद ना ले। किसी कथित धरम गुरु ने मुझे और @zoo_bear को धमकी देते हुए वीडिओ जारी किया है। मुज़फ़्फ़रनगर…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 18, 2024
वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल खड़ा किया है कि जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? कोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान ले। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं।
… और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?
माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते… pic.twitter.com/nRb4hOYAjP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024
बाद में उनका यह दूसरा बयान भी सामने आया है।
मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आख़िरकार होटल, फल, ठेलोंवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो अपनी पीठ थपथपायी है, उतने से ही अमन-औ-चैन पसंद करनेवाली जनता माननेवाली नहीं है। ऐसे आदेश पूरी तरह से ख़ारिज होने…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024
इस बीच, टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने मुजफ्फरनगर पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में केस दर्ज कराया है। गोखले के मुताबिक, आदेश भेदभाव करने वाला है। साथ ही उन्होंने SSP मुजफ्फरनगर के तर्क को मूर्खतापूर्ण बताया।
इन सब विवाद व सियासत के बीच भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने एक्स पर यह प्रतिक्रिया दी है।
https://twitter.com/naqvimukhtar/status/1813943883786760307
हालांकि इस मैसेज के बाद भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी को काफी ट्रोल का सामना भी करना पड़ रहा है। इसके जवाब में ही उन्होंने दूसरा मैसेज एक्स पर दिया है। https://twitter.com/naqvimukhtar/status/1813970601146732692, अब्बास नकवी को ने हालांकि जिन शब्दों का चयन किया है उसे लेकर वह और ज्यादा ट्रोल हो रहे हैं।
वहीं, गीतकार जावेद अख्तर ने एक्स पर लिखा है- मुजफ्फरनगर पुलिस ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा के रूट पर सभी दुकानदार, रेस्टोरेंट संचालक, वाहनों के मालिक अपना नाम स्पष्ट लिखवाएं। क्यों? नाजी जर्मनी में केवल विशेष दुकानों और घरों पर निशान बनाए जाते थे।
Muzaffarnagar UP police has given instructions that on the route of a particular religious procession in near future all the shops restaurants n even vehicles should show the name of the owner prominently and clearly . Why ? . In Nazi Germany they used to make only a mark on…
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) July 18, 2024
सिसायत के इस दौर में डीआईजी अजय कुमार साहनी ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जब कांवड़ियों के बीच होटल और ढाबों पर खाने की रेट लिस्ट को लेकर बहस हुई। इसके अलावा, ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां किसी होटल, ढाबे पर नॉनवेज मिलता है या किसी दूसरे समुदाय के व्यक्ति ने किसी और नाम से होटल, ढाबा खोला तो इससे विवाद हुआ। इसे ध्यान में रखते हुए ही यह आदेश दिया गया है।
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