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बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट
निकाय चुनावः हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ योगी सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट
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निकाय चुनावः हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ योगी सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

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हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के उस आदेश के खिलाफ योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है जिसमें गया था कि स्थानीय निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के तय समय सीमा में करा लिये जायें। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ खंडपीठ के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। इस आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने जिन सीटों को ओबीसी के लिये आरक्षित किया गया था, वे सभी सामान्य श्रेणी में आ गई थी। माना जा रहा है कि 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट खुलने पर इस मामले में सुनवाई कर सकता है।

बता दें कि स्थानीय नगर निकाय का कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो रहा है। इससे पहले ही चुनाव कराये जाना अपेक्षित है लेकिन योगी सरकार ने खंडपीठ के आदेश के बाद स्पष्ट कर दिया है कि अब वह ओबीसी को आरक्षण दिलाने के बाद ही ये चुनाव करायेगी। इसके लिये कमेटी का गठन भी कर दिया गया है।

दरअसल, मंगलवार की सुबह हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि चुनाव समय पर कराये जायें लेकिन बगैर ओबीसी आरक्षण। यानी अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद ओबीसी के लिये आरक्षित सभी सीटें जनरल मानी जायेंगी। लखनऊ पीठ ने अपने 85 पेज की निर्णय में ऐसा कहा है। इसके साथ ही लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को झटका देते हुए पांच दिसम्बर को जारी ड्राफ्ट नोटिफेकेशन को भी खारिज कर दिया है। न्यायालय ने प्रदेश सरकार को निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के ही कराने के आदेश दिए हैं। यह निर्णय न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने दिया है। दरअसल, इस मुद्दे को लेकर 93 याचिकाएं दाखिल की गई थी। इन पर यह निर्णय लिया गया। कोर्ट ने सरकार द्वारा बीते 12 दिसंबर को जारी उस नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया है जिसके जरिए सरकार ने उन स्थानीय निकायों में प्रशासक तैनात करने की बात कही थी जिनका कार्यकाल शीघ्र पूरा होने जा रहा है। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 तक स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न कराने के लिये आदेशित किया है।

इस फैसले के बाद यूपी में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण देने के लिए योगी सरकार  ने 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया है। सरकार की ओर से गठित ये आयोग मानकों के आधार पर पिछड़े वर्गों की आबादी को लेकर सर्वे कर शासन को रिपोर्ट करेगा। आयोग का अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह को नियुक्त किया गया है। इस आयोग के सदस्यों में महेंद्र कुमार, चोब सिंह वर्मा, संतोष विश्वकर्मा और ब्रजेश सोनी शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले 27 दिसंबर को योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदेश सरकार स्थानीय निकाय चुनाव में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके बाद ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा।

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