नगर निगम की “बारात” में, एनटीपीसी का “दूल्हा” नहीं पहुंचा
- एनटीपीसी व नगर निगम में हुआ है अनुबंध
- 300 करोड़ की लागत से गांवड़ी में लगेगा प्लांट
- शहर के कूड़े से प्लांट में बनेंगे ब्रिक्स
- नगर निगम सूखा कूड़ा उपलब्ध करायेगा एनटीपीसी को
- आज भूमिपूजन कार्यक्रम में एनटीपीसी ने बनाई दूरी
- जनप्रतिनिधियों ने दिये भाषण,ब्यूरोक्रेटस ने किया किनारा
- मंडलायुक्त व नगर आयुक्त ने बनाई माइक से दूरी
- 900 मीट्रिक टन कूड़े का रोजाना होगा निस्तारण
तेरी मेरी शादी,सीधी सादी, पंडित ना शहनाई रे, इन सब का क्या काम वहां जहां श्याम ने बंसी बजाई रे.. फिल्मी कलाकार जितेंद्र व रेखा पर फिल्म दिलदार में यह फिल्माया गया था। आज मेरठ के परीक्षितगढ़ रोड स्थित ग्राम गांवड़ी में कुछ ऐसा ही नजारा पेश आया। मौका था 900 टीपीडी प्लांट अधिष्ठापन के कार्य का भूमि पूजन व शिलान्यास का। यह प्लांट एनटीपीसी द्वारा लगाया जाना है। आज गांवड़ी में इस भूमि पूजन कार्यक्रम में सब कुछ था। टेंट, चाय नाश्ता, फूल मालाएं, स्वागत की बेला, चुनिंदा अफसरों की मौजूदगी में राजनेताओं का मेला। यदि नहीं था तो एनटीपीसी का कोई अधिकारी या प्रतिनिधि। यानी बारात तो थी लेकिन दूल्हा नहीं। मंच से महापौर हरिकांत आहलूवालिया द्वारा बताया गया कि दिल्ली में अचानक मीटिंग लगने के कारण एनटीपीसी का कोई अधिकारी गावंड़ी नहीं आया।
दरअसल, मेरठ शहर कूड़े की बड़ी परेशान से जूझ रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण के आंकड़ों में मेरठ लगातार पिछड़ता जा रहा है। वर्ष 2020 में जहां मेरठ इस सर्वेक्षण में तेजी से गंदा होते शहर के रूप में सामने आया था तो 2022 में वह 15वें स्थान पर आ गया था। इसके बाद 2023 में मेरठ नगर निगम की स्थिति में तेजी से गिरावट देखने में आयी और यह 108वें स्थान पर जा पहुंचा। शहर में मंगतपुरम,गावंड़ी व लोहियानगर में कूड़े के पहाड़ खड़े हो गये हैं। मंगतपुरम में 2010 में कूड़ा डाला जाना बंद हुआ था लेकिन 5 मार्च 2011 को लोहियानगर में यह शुरू हो गया औॅर अब यहां कूड़े के पहाड़ खड़ा हो गया है। वर्तमान में शहर में प्रतिदिन 900 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है।
इस समस्या से निजात पाने के लिये ही एनटीपीसी संग नगर निगम का यह अनुबंध हुआ है। इस अनुबंध के तहत एनटीपीसी को 300 करोड़ रूपये लगाकर यह प्लांट तैयार करना है। इसके लिये सभी संसाधन नगर निगम द्वारा मुहैया कराये जाने हैं। अनुबंध के वक्त ही यह भी बता दिया गया था कि 9 अक्टूबर को प्लांट का भूमिपूजन किया जाना है।
इसके लिये महापौर हरिकांत अहलूवालिया और नगर आयुक्त सौरभ गंगवार द्वारा आमंत्रण पत्र वितरित कराये गये थे। इस निमंत्रण के आधार पर आज सांसद अरुण गोविल, राज्य सभा सदस्य डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, भाजपा महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज, एमएलसी धर्मेद्र भारद्वाज पहुंचे थे। ब्यूरोक्रेसी में मंडलायुक्त शैलजा जे कुमारी व नगर आयुक्त सौरभ गंगवार मौजूद थे। नहीं था तो कोई एनटीपीसी अफसर अथवा उनका प्रतिनिधि।
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महापौर हरिकांत अहलुवालिया ने सभी अतिथियों का फूल मालाए व बुके देकर सम्मान किया। मंच से ही महापौर ने बताया कि दिल्ली में अचानक मीटिंग लग जाने के कारण एनटीपीसी का कोई अधिकारी नहीं आ पाया है। दिलचस्प तथ्य यह भी रहा कि समारोह को जनप्रतिनिधियों ने तो संबोधित किया लेकिन मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे अथवा नगर आयुक्त सौरभ गंगवार की माइक से दूरी रही।
सवाल उठता है कि ऐसा क्यों हुआ। एनटीपीसी ने 300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस प्लांट के भूमि पूजन से दूरी क्यों बनायी। दूरी भी इतनी कि कोई नुमाइंदा भी नहीं भेजा गया। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 2 जनवरी 2017 को नगर निगम ने गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के लिये ओर्गेनिक रिसाइकिलिंग सिस्टम मुंबई लिमिटेड से अनुबंध किया था। इसके बाद काफी उठापटक हुई और अंत में आर्गेनिक ने स्टे ले लिया। यह स्टे आज भी कायम है। माना जा रहा है कि आज एनटीपीसी के किसी अफसर अथवा नुमाइंदे का वहां न आने के पीछे ऐसा ही कोई कारण है,हालांकि इस बारे में सभी का यही दावा है कि अचानक मीटिंग के चलते एनटीपीसी के अफसर नहीं आये।
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