Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u464953483/domains/firstbytetv.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
मोबाइल यूजर्स को अब फर्जी कॉल्स और मैसेज से मिलेगी राहत,TRAI ने दिये नये निर्देश
मोबाइल यूजर्स को अब फर्जी कॉल्स और मैसेज से मिलेगी राहत,TRAI ने दिये नये निर्देश
BREAKING मुख्य ख़बर राष्ट्रीय

मोबाइल यूजर्स को अब फर्जी कॉल्स और मैसेज से मिलेगी राहत,TRAI ने दिये नये निर्देश

46 Views

TRAI का नया नियम आज यानी 1 अक्टूबर से लागू हो गया है। नए नियम के लागू होने से देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को फर्जी कॉल्स और मैसेज से राहत देने का फैसला लिया है। इसके अलावा यूजर्स को खराब नेटवर्क की दिक्कत से भी छुटकारा मिलने वाला है। ट्राई ने अपने नए नियम में टेलीकॉम सेवाओं के लिए क्वालिटी ऑफ सर्विस को प्राथमिकता दी है। पिछले कुछ साल में फर्जी कॉल और मैसेज के जरिए जिस तरह से लोगों के साथ फ्रॉड किया जा रहा है उसे देखते हुए दूरसंचार नियामक ने ये नए नियम लागू किए हैं। पहले इस नियम को 1 सितंबर से लागू किया जाना था, लेकिन टेलीकॉम ऑपरेटर्स और अन्य स्टेक होल्डर्स की डिमांड पर इसकी डेडलाइन 30 दिन आगे बढ़ा दी गई थी।

TRAI के नए नियम में नेटवर्क ऑपरेटर्स को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए URL, APK लिंक, OTT लिंक वाले मैसेज को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। यूजर के पास ऐसे कोई भी मैसेज रिसीव नहीं होंगे, जिनमें कोई भी URL होंगे। यूजर्स को केवल उन संस्थानों और टेलीमार्केटर्स के लिंक वाले मैसेज रिसीव होंगे, जिन्हें व्हाइटलिस्ट किया गया है।

दूरसंचार नियामक ने टेलीमार्केटर्स और संस्थानों की दिक्कत को देखते हुए मैसेज व्हाइटलिस्ट कराने के नियम को और लचीला बनाने का फैसला किया है। टेलीमार्केटर्स नियामक द्वारा सुझाए गए मैसेज टेम्पलेट के आधार पर URL या अन्य संवेदनशील जानकारी जैसे कि OTP आदि वाले मैसेज को व्हाइटलिस्ट करवा सकेंगे। जो संस्थान या टेलीमार्केटर व्हाइटलिस्ट नहीं हैं, उनके द्वारा यूजर्स को मार्केटिंग वाले कॉल्स नहीं आएंगे।

दूरसंचार नियामक ने अपने नए नियम में टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अपनी मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी को बैलेंस करने का निर्देश दिया है। उदाहरण के तौर पर एक टेलीकॉम ऑपरेटर अलग-अलग लोकेशन के आधार पर नेटवर्क टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है, ताकि यूजर्स को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके। नेटवर्क कवरेज पूरी तरह से लोकेशन पर निर्भर रहता है, ऐसे में टेलीकॉम ऑपरेटर लोकेशन के आधार पर नेटवर्क टेक्नोलॉजी का यूज करते हैं।

TRAI के नए नियम के मुताबिक, नेटवर्क ऑपरेटर को अपनी वेबसाइट पर हर लोकेशन के आधार पर इस्तेमाल की गई नेटवर्क टेक्नोलॉजी का ब्यौरा देना होगा। ऐसा करने से यूजर्स के लिए यह चेक करना आसान हो जाएगा कि किस एरिया में कौन सी नेटवर्क टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है और वो कवरेज चेक कर सकेंगे।

ट्राई ने वायरलेस और वायरलाइन सर्विस के लिए एक क्वालिटी ऑफ सर्विस स्टैंडर्ड सेट किया है। नए रेगुलेशन के मुताबिक टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अब अपनी वेबसाइट पर क्वालिटी ऑफ सर्विस परफॉर्मेंस से लेकर नेटवर्क की उपलब्धता, कॉल ड्राप रेट समेत वॉइस पैकेट ड्रॉप रेट आदि की जानकारी हर महीने पब्लिश करनी होगी। पहले ऑपरेटर्स इसे क्वार्टरली यानी हर तीन माह में प्रकाशित कर रहे थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *