गिरफ्तार सपा विधायक रफीक अंसारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा
- मेरठ शहर के सपा विधायक रफीक अंसारी आखिरकार गिरफ्तार
- विधायक की गिरफ्तारी पर सपा खामोश,प्रतिक्रिया नहीं
- कोर्ट के आदेश पर भी पेश नहीं हुए रफीक अंसारी
- गैर जमानती वारंट की श्रृंखला के बावजूद साधी चुप्पी
- हाईकोर्ट ने दिये गिरफ्तार पेश करने के आदेश
लगभग बीस साल से सिस्टम की धज्जियां उड़ा रहे मेरठ शहर के सपा विधायक रफीक अंसारी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी हाईकोर्ट के आदेश पर की गई है। कोर्ट का साफ कहना था कि रफीक अंसारी इस दौरान विधानसभा में जाते रहे लेकिन एक बार फिर कोर्ट के सामने पेश होने की उन्होंने जहमत नहीं उठाई। इस अवधि में उनके करीब 101 गैर जमानती वारंट भी जारी हुए थे लेकिन रफीक अंसारी हमेशा इसे हवा में उड़ाते रहे। रफीक को लखनऊ से वापस लौटते हुए बाराबंकी से गिरफ्तार किया गया है। सोमवार की रात करीब आठ बजे मेरठ पुलिस रफीक अंसारी को हिरासत में मेरठ ले आयी। रफीक का पहले जिला अस्पताल ले जाकर मेडिकल कराया गया।
रफीक अंसारी के अधिवक्ता ने जमानत के लिये एमपीएमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। शहर विधायक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
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मजेदार बात यह भी रही कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस रफीक अंसारी के घर पर रोजाना ही दबिश दे रही थी लेकिन वह पकड़ से बाहर रहे। इस दौरान सपा विधायक ने मेरठ हापुड़ लोकसभा चुनाव के दौरान परिवार समेत मतदाधिकार का इस्तेमाल भी किया था।
क्या था यह मामला और क्यों पेश नहीं हुए रफीक अंसारी और अंत में किन कारणों के चलते शहर विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया,इसकी जानकारी उनके अधिवक्ता अमित दीक्षित ने मीडिया को यह जानकारी दी। दरअसल, यह मामला उस वक्त का है जब हापुड़ रोड स्थित कमेला सुर्खियों में था। 1995 में कमेले और मीट की कुछ दुकानों में आगजनी हुई थी। पुलिस जांच पड़ताल में रफीक अंसारी का नाम सामने आया। कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में रफीक अंसारी का नाम शामिल कर दिया गया।
अधिवक्ता का यह कहना है कि इसकी जानकारी रफीक अंसारी को नहीं दी गई। इसके बाद कोर्ट में प्रोसीडिंग चलती रही। इस बीच, राज्य सरकार की नीतियों में परिवर्तन हो गया। केंद्र सरकार की MP/MLA स्पेशल कोर्ट अस्तित्व में आ जाने से यह मामला वहां स्थानान्तरित हो गया। इस दौरान रफीक अंसारी ने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिये याचिका दाखिल की लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।
इस मामले में कई आरोपी कोर्ट ने बरी कर दिये जबकि रफीक अंसारी मुकदमा खत्म करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट चले गये। कोर्ट ने कहा कि इतनी लंबी अवधि से उनके वारंट चल रहे हैं, वह सदन में भी लगातार जा रहे हैं ,तो कोर्ट में पेश क्यों नहीं हो रहे। यह कोर्ट के आदेशों की अनदेखी है लिहाजा यह मामला खत्म नहीं किया जायेगा। लगातार गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद और मीडिया में सुर्खी बनने के बावजूद शहर विधायक रफीक अंसारी ने कोर्ट के समक्ष पेश होने की जहमत नहीं उठाई जिस पर हाईकोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश जारी कर दिये।
यह कोर्ट की अनदेखी है। इस आधार पर जस्टिस संजय सिंह ने विधायक की गिरफ्तारी का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वह रफीक अंसारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा पहले ही जारी किए गए गैर-जमानती वारंट की तामील सुनिश्चित करें। यदि वह अभी तक तामील नहीं हुआ है और अगली तारीख पर अनुपालन हलफनामा दायर किया जाएगा। अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के सीमित उद्देश्य के लिए मामले को 22 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश कोर्ट ने दिया था।
वहीं एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि विधायक रफीक अंसारी उसके बाद भी अपना गैर जमानती वारंट रिकाल नहीं कर पाए। इसलिए पुलिस ने उन्हें बाराबंकी से गिरफ्तार कर लिया है।
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