शराब घोटाले की दस हजार पेज की चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं
दिल्ली की राजनीति में तूफान लाने वाले दिल्ली शराब घोटाले में एक बेहद ही रोचक मोड़ आ गया है। सीबीआई द्वारा दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में दायर की गई दस हजार पेज की चार्जशीट में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं हैं। यह बात और है कि मनीष सिसोदिया को ही आरोपी नंबर वन बनाया गया था। संभवत यह अपने तरह का पहला ऐसा मामला है जिसमें आरोपी नंबर वन को ही चार्जशीट में शामिल नहीं किया गया है।
इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की भाजपा सरकार को घेरा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि पूरा केस फ़र्ज़ी है। रेड में कुछ नहीं मिला। 800 अफ़सरों को चार माह की जाँच में कुछ नहीं मिला। मनीष ने शिक्षा क्रांति से देश के करोड़ों गरीब बच्चों को अच्छे भविष्य की उम्मीद दी। ऐसे शख़्स को झूठे केस में फँसा कर बदनाम करने की साज़िश रची गयी है।
इससे पूर्व अपने दस हजार पेज की चार्जशीट में सीबीआई ने बताया है कि आज जिन सात लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है उनमें तीन लोग पब्लिक सर्वेंट हैं। इन सात लोगों में विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, मुत्तथा गौतम, अरुण आर पिल्लई शामिल हैं। इसके अलावा सीबीआई ने एक्साइज के दो पूर्व अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने यह भी कहा है कि इस मामले में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ अभी जांच चल रही है।
CBI चार्जशीट में मनीष का नाम नहीं
पूरा केस फ़र्ज़ी।रेड में कुछ नहीं मिला।800 अफ़सरों को 4 महीने जाँच में कुछ नहीं मिला
मनीष ने शिक्षा क्रांति से देश के करोड़ों गरीब बच्चों को अच्छे भविष्य की उम्मीद दी।मुझे दुःख है ऐसे शख़्स को झूठे केस में फँसा बदनाम करने की साज़िश रची गयी
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 25, 2022
दस हजार पेज वाली इस चार्जशीट की विशेष बात यह है कि इसमें डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम नहीं हैं। इस चार्जशीट पर अब 30 नवम्बर को रॉउज एवन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी।
इस नये घटनाक्रम पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि मई- जून माह से भाजपा ने यह कहना शुरू कर दिया था कि तथाकथित एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ हुई है। भाजपा वाले कहते थे कि अब तो जेल में जाना पड़ेगा, जेल की रोटी खानी पड़ेगी। लेकिन छह माह बाद पांच सौ अफ़सरों के छानबीन करने के बाद और 600 जगह छापेमारी के बाद भी इनको मनीष सिसोदिया के खिलाफ कुछ नहीं मिला। मनीष सिसोदिया जिन्हें आरोपी नंबर वन बनाया गया उनके ख़िलाफ़ कुछ नहीं मिला। इतने दिनों की मशक़्क़त के बाद अगर सीबीआई को कुछ नहीं मिला है तो भाजपा प्रवक्ता व नेताओं को देश से माफी मांगनी चाहिये।
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