अवमानना पर फैसले से पूर्व बाबा रामदेव के 14 उत्पादों का लाइसेंस निलंबित
- लंबे समय से मोदी सरकार के पथधर हैं बाबा रामदेव
- आईएमए की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई
- कोर्ट के आदेश के बाद भी रामदेव ने जारी रखे भ्रामक विज्ञापन
- इस अवमानना पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट ने कुछ चिकित्सकों के आचरण को भी अनैतिक बताया
- पूछा आईएमए ने ऐसे डाक्टरों के खिलाफ क्या कदम उठाया
लंबे समय से मोदी सरकार के हर कदम पर पैरवी करने वाले बाबा रामदेव की परेशानी बढ़ गई हैं। भाजपा की ही उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के लगभग 14 प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया है। उत्तराखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार शाम को हलफनामा दायर कर यह जानकारी उस वक्त दी गई जबकि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में रामदेव व आचार्य बाल कृष्ण के खिलाफ अवमानना के आरोप पर निर्णय लिया जाना है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार की लाइसेंस ऑथोरिटी ने सोमवार को प्रोडक्ट्स पर बैन का आदेश भी जारी किया। इसमें कहा गया है कि पतंजलि आयुर्वेद के प्रोडक्ट्स के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण कंपनी के लाइसेंस को रोका गया है। दिव्य फार्मेसी पतंजलि प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है। लाइसेंस अथॉरिटी ने बाबा की इस फर्म की खांसी, ब्लड प्रेशर, शुगर, लिवर, गोइटर और आई ड्रॉप के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 14 दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश दिया है। आदेश को सभी जिला ड्रग इंस्पेक्टर को भी भेजा गया है।
बता दें कि जिला ड्रग इंस्पेक्टर ने 16 अप्रैल को रामदेव, बालकृष्ण, दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। इसकी जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्रालय को भी दी गई है। दरअसल, कोर्ट ने आयुष मंत्रालय और राज्य लाइसेंसिंग अथाॅरिटी से जवाब मांगा था।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बाबा रामदेव व आचार्य बाल कृष्ण ने अपनी दवाओं के भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करना जारी रखा है। कोर्ट ने इस कृत्य को देश व कोर्ट को भ्रम में रखना करार दिया है। कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि एक टीवी पर कोर्ट ने आज क्या हुआ यह चल रहा था तो दूसरी तरफ ही पंतजलि का विज्ञापन, यह कैसी विडंबना है। बाबा रामदेव ने कोर्ट में झूठ बोलने पर यह कहते हुए भी सफाई दी थी कि कोर्ट के आदेश की जानकारी उनके मीडिया सेंटर को नहीं हो पाई थी, जिस कारण विज्ञापन जारी होते रहे।
उधर, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रेसिडेंट अशोकन ने कहा कि बाबा रामदेव ने उस समय सभी हदें पार कर दीं, जब उन्होंने कोविड-19 ठीक करने का दावा किया। रामदेव ने मॉडर्न मेडिसिन को स्टुपिड और बैंकरप्ट साइंस यानी बेकार और दिवालिया विज्ञान भी कहा था। न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में अशोकन ने ये बातें कहीं। भ्रामक बयानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाए जाने के बाद IMA की तरफ से पहली बार कोई बयान दिया गया है।
#WATCH | Yog guru Baba Ramdev and Patanjali Ayurved CMD Acharya Balkrishan arrived at the Supreme Court to attend the hearing relating to misleading advertisements by Patanjali Ayurved. pic.twitter.com/qVV5Vl05kl
— ANI (@ANI) April 30, 2024
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने IMA को भी अपना घर ठीक करने की नसीहत दी थी। कोर्ट ने IMA की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पटवालिया से कहा कि एसोसिएशन पतंजलि पर अंगुली उठा रही है, लेकिन ध्यान रखें कि बाकी चार अंगुलियां आप (IMA) पर भी उठ रही हैं। यह सब FMCG में ही नहीं हो रहा है। आपके सदस्य भी ऐसे प्रोडक्ट का समर्थन करते हैं। आपके सदस्य (डॉक्टर) बहुत महंगी दवाएं और उपचार लिखते हैं। यह अनैतिक कृत्य है। IMA के सदस्यों के अनैतिक आचरण की कई बार शिकायतें आपके पास आई होंगी, IMA ने उन पर क्या कार्रवाई की है ? हम आपकी तरफ भी निशाना कर सकते हैं।
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