
शहीद एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार को दी गई अंतिम विदाई
- शहीद सुनील कुमार को दी गई अंतिम विदाई
- मेरठ पुलिस लाइन लाया गया तिरंगे में लिपटा शव
- बेटा बराबर पिता सुनील से बोलने का कर रहा था आग्रह
- शामली में कग्गा गैंग के चार बदमाशों का हुआ था एनकाउंटर
- इंस्पेक्टर सुनील को लगी थी कई गोलियां
- बुधवार को उपचार के दौरान ली अंतिम सांस
- योगी ने की पचास लाख देने की घोषणा
- सरकारी नौकरी व सड़क का नाम भी रखा जायेगा शहीद के नाम पर
यह एक पल हर आंख में पानी ला देने वाला था। मृत्यु शैय्या पर लेटे पिता शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार को उनका बेटा मंजीत आग्रह कर रहा था कि पापा एक बार तो कुछ बोल दो। सभी जानते थे कि इंस्पेक्टर सुनील कुमार अब कभी नहीं बोलेंगे, कभी नहीं उठेंगे, कभी नहीं वर्दी पहनकर बदमाशों के दांत खट्टे करेंगे। आज उनका पार्थिक शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ था, और पुलिस लाइन लाये जाने के बाद एडीजी डीके ठाकुर, डीआईजी कलानिधि नैथानी, एसएसपी डा.विपिन टाडा आदि शहीद के शव को कांधा दे रहे थे। प्रदेश की योगी सरकार ने शहीद के परिजनों को पचास लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं गांव पहुंचने पर मेरठ के सांसद अरुण गोविल ने भी कांधा देते हुए अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
दरअसल, बीस जनवरी की रात यूपी एसटीएफ टीम ने शामली में कग्गा गैंग के चार बदमाशों का एनकाउंटर किया था। इस दौरान कई गोलियां इंस्पेक्टर सुनील कुमार को भी लगी थी।

मेरठ इंचौली थाना क्षेत्र के गांव मसूरी निवासी सुनील कुमार ने बुधवार को मेदांता में अंतिम सांस ली थी। उनके निधन से पुलिस विभाग में शोक की लहर है।

सीएम योगी ने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर करने की घोषणा की है।
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