राजस्थान के सीकर में सोमवार सुबह खाटूश्याम मंदिर में भगदड़ मचने से तीन महिलाओं की मौत हो गयी। आज एकादशी के कारण वहां भारी भीड़ जुटी थी, बावजूद इसके वहां आवश्यक इंतजाम नहीं किये गये थे। जिस कारण भगदड़ मची और तीन लोगों की मौत हो गयी। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। संभागायुक्त विकास सीताराम भाले पूरे मामले की जांच करेंगे। वहीं पुलिस प्रशासन ने इसे भगदड़ मानने से इनकार करते हुए कहा कि मुख्य द्वार पर भीड़ अधिक होने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत आई, जिस कारण ये मौते हुई हैं।
हादसा सुबह 5 बजे तब हुआ, जब एकादशी के मौके पर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई थी। देर रात से ही श्रद्धालु लाइन में लगे थे। जैसे ही सुबह मंदिर के पट खुले, भगदड़ मच गई। इस लापरवाही पर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने खाटू थाना प्रभारी रिया चौधरी को निलंबित कर दिया है। हादसे में मारी गईं महिला शांति देवी की बेटी पूनम घटना के बाद से सदमे में है। बड़ी मुश्किल से घटना के बारे में वह सिर्फ इतना बता पाई कि सुबह जैसे ही गेट खुला तो अचानक हमारे ऊपर करीब 15-20 महिलाएं आकर गिरीं। जिसमें बच्चे भी थे और इसके बाद लोग हमारे ऊपर से होते हुए निकल गए। पूनम ने बताया कि वह हिसार से अपनी मां शांति और मामा के साथ खाटू श्याम जी आई हुई थी।
उधर, जांच से पहले ही जिला प्रशासन ने हादसे को भगदड़ मानने से इनकार कर दिया है। सीकर कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि प्रवेश दर्शन मार्ग का गेट खोलते समय भीड़ के दबाव के चलते यह हादसा हुआ है।
हादसे में महिला शांति देवी, कृपा देवी और माया देवी मारी गई हैं। कृपा देवी जयपुर के मानसरोवर इलाके की रहने वाली थीं, वहीं माया देवी यूपी के हाथरस से थीं।
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