पूजा अर्चना के साथ बंद किये गये केदारनाथ व यमनौत्री धाम के कपाट
उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट बंद होने की श्रृंखला में आज केदारनाथ के सुबह साढ़े आठ बजे सेना के बैंड और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन के साथ कपाट बंद किए गए। गंगोत्री धाम के कपाट गत 2 नवंबर को दोपहर 12:14 बजे बंद हुए थे। चारों धामों में अब तक 44 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं। केदारनाथ के हर रोज करीब पंद्रह हजार लोगों ने दर्शन किये।
उत्तराखंड में स्थित चारों धामों के कपाट बंद होने का सिलसिला शनिवार से शुरू हो गया है। चारों धामों में अब तक 44 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। यमुनोत्री धाम के गेट भी आज दोपहर 12:04 बजे बंद कर दिए गये। वहीं, बद्रीनाथ में 17 नवंबर तक दर्शन किए जा सकेंगे।
बता दें कि केदारनाथ के कपाट 10 मई को खोले गए थे। 1 नवंबर तक यहां 16 लाख 15 हजार 642 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, बद्रीनाथ धाम में अब तक 13 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। यमुनोत्री में 7.10 लाख और गंगोत्री में 8.11 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। चारों धाम में अब तक 44 लाख दर्शन कर चुके हैं।
शनिवार को बाबा केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को भंडार से बाहर लाया गया था। पंचमुखी उत्सव मूर्ति को पुजारी शिवशंकर ने स्नान कराया, जिसके बाद धर्माधिकारी औंकार शुक्ला वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद श्रद्धालुओं ने पंचमुखी उत्सव मूर्ति के दर्शन किए। मंदिर की परिक्रमा के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति डोली को मंदिर परिसर में विराजमान कर दिया गया।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति विभिन्न पड़ावों में प्रवास के बाद शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। कपाट बंदी के लिए केदारनाथ मंदिर को दस क्विंटल फूलों से सजाया गया।
दरअसल, चारों धामों में पिछले साल रिकॉर्ड 55 लाख लोग पहुंचे थे, जिससे व्यवस्थाएं बिगड़ गई थीं। उत्तराखंड पुलिस और पर्यटन विभाग ने इसे देखते हुए इस बार चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की प्रतिदिन की संख्या सीमित रखी। पिछले साल चारों धामों में रोजाना 60 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे रहे थे। इस बार केदारनाथ में एक दिन में 15 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की लिमिट रखी गई।
बता दें कि इस साल बद्रीनाथ धाम में 16 हजार लोगों को, यमुनोत्री में 9 हजार वहीं, गंगोत्री में 11 हजार लोगों को प्रतिदिन दर्शन की अनुमति थी। यानी चारों धाम में रोजाना 51 हजार लोग दर्शन कर सके। पहली बार चार धाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों को तैनता किया गया। इनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर थे।
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