जयंत चौधरी कहीं नहीं जायेंगे, रालोद के एक गुट का बड़ा दावा
BREAKING उत्तर प्रदेश मुख्य ख़बर

जयंत चौधरी कहीं नहीं जायेंगे, रालोद के एक गुट का बड़ा दावा

182 Views
  • भाजपा संग जाने की अटकलों पर जयंत की चुप्पी
  • रालोद का एक बड़ा धड़ा मानने को तैयार नहीं
  • चार माह पूर्व भी ऐसी ही अफवाह उड़ाई गई थी
  • ओपी राजभर ने 12 फरवरी बताई  जाने की तारीख

उठापटक व आने जाने और चार सीट का आफर मिलने की राजनीतिक हवा के बीच रालोद का एक बड़ा धड़ा यह मानने को  तैयार नहीं हैं रालोद अपने पुराने मित्र समाजवादी पार्टी को छोडकर कहीं यानी भाजपा के साथ जा रहा है। मीडिया में लगातार आ रही खबरों पर इस वर्ग का कहना है कि यह सोची समझी रणनीति का हिस्सा है ,इससे ज्यादा कुछ और नहीं। दरअसल, हाल ही में मीडिया में यह खबर सुर्खी बटोरे हुए है कि रालोद को भाजपा ने चार  सीट आफर कर दी हैं और कभी भी जयंत चौधरी भाजपा के साथ जाने का एलान कर देंगे। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि इन तमाम चर्चाओऔं व मीडिया में लगातार सुर्खी बनने के बावजूद रालोद मुखिया जयंत चौधरी अभी तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। वह चुप्पी साधे हुए हैं या इस सुर्खी को वह गंभीरता से नहीं ले रहे, इस पर सभी की नजर लगी हुई। फिलहाल जितने मुंह उतनी बातें सामने आ रही हैं। ओपी राजभर ने तो यहां तक दावा कर दिया है कि 12 फरवरी जयंत चौधरी भाजपा संग चले जायेंगे।

दरअसल, सपा ने कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में प्रत्याशी अपना और निशान आरएलडी का रखने की शर्त जयंत चौधरी के समक्ष रखी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा और रालोद के गठजोड़ ने आठ सीटें जीती थी। फिर उपचुनाव में रालोद ने खतौली सीट जीत ली और उसके विधायकों की संख्या नौ हो गई। सपा ने ही जयंत चौधरी को राज्यसभा भी भेजा और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने आरएलडी को सात सीट भी दी है। बावजूद इसके रालोद भाजपा संग जाने की तैयारी कर रही है ? इसे लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।

एक बात और सपा ने जो सात सीट रालोद को लोकसभा चुनाव में दी हैं, उन पर सपा यह कह रही है कि चार उम्मीदवार सपा के होंगे, जो रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में सात में से केवल तीन सीट ही आरएलडी के पास बच रही हैं। और यही बात जयंत को पच नहीं रही है। सपा रालोद गठजोड़ के लिये पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट भी कश्मकश की बड़ी वजह हमेशा से रही है। दोनों ही दल इसे अपने पाले में रखना चाहते हैं। रालोद का तर्क है कि इस सीट पर उसका ज्यादा प्रभाव है। क्योंकि पिछले चुनाव में भाजपा के डा. संजीव बालियान रालोद प्रत्याशी अजित सिंह से मात्र साढ़े छह हजार वोट ही अधिक पा सके थे।  इसके अलावा इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली पांच विधानसभा सीटों में से दो बुढ़ाना और खतौली पर रालोद का कब्जा है।

follow us on 👇

फेसबुक -https://www.facebook.com/groups/480505783445020
ट्विटर -https://twitter.com/firstbytetv_
चैनल सब्सक्राइब करें – https://youtube.com/@firstbytetv
वेबसाइट -https://firstbytetv.com/
इंस्टाग्राम -https://www.instagram.com/firstbytetv/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *